सम्पादकीय : जिस तरीके से पर्यावरण से खिलवाड़ हो रहा है ये आने वाले समय में मानव जाति के भयंकर विनाश का कारण बनेगा, कम शब्दों में ही कहूँगा क्यूंकि समझदार के लिये इशारा काफी है, और ना समझने वालों के लिये ये बातें सिर्फ प्रवचन होती है, संसार में कुछ भी हो जाये आपको फर्क नहीं पड़ता, मुझे क्या करना है, लेकिन हर परिणाम सामूहिक प्रयासों से ही बंधा होता है, वर्ष 2005 के लगभग की घटना है, नासिक में ऐसी ही बेतहाशा गर्मी से लोग परेशान हो रहे थे, कांक्रिटीकरण के कारण शहर गर्मी की जड़ में आ गया था, लोगों को समाधान नहीं मिल रहा था, AC महंगे थे और कूलर काम नहीं करता था, गर्मी काफी ज्यादा हो गई थी लेकिन समाधान कौन करे? अब आम आदमी तो सरकार के भरोसे ही बैठ जाता है, लेकिन नासिक लोग सरकार के भरोसे नहीं बैठे और उन्होंने आपस में तय किया की अब इसका समाधान निकालना है , सन 2005 में नासिक की जनसँख्या लगभग 10 लाख थी और सभी ने मिलकर अभियान चलाया की अब गर्मी से छुटकारा पाना है, और इसका एक ही समाधान है, नीम, बरगद, पीपल जैसे पेड़ों को बेहिसाब लगाना, और सबने मिलकर एक वर्ष तक पेड़ लगाये और उनकी पूरी जिम्मेदारी से सेवा की, आज वहां गर्मी में ना कूलर की जरूरत है और ना ही AC की, गिने चुने लोग ही इनका प्रयोग करते है, बारिश में वहां का मौसम बेहद शानदार हो जाता है।
रायपुर में साल दर साल बढ़ रही गर्मी, झुलस रहे लोग :
साल दर साल रायपुर में गर्मी बढ़ रही है, पहले पारा 35 पहुँचता था तो लोग हाहाकार मचाते थे और आज रायपुर का पारा 45 डिग्री तक पहुँचने वाला है।