रायपुर : स्क्रैप पॉलिसी के तहत आप पुरानी कार, बाइक, स्कूटर आदि को स्क्रैप के लिए दे सकते हैं। उदाहरण के माध्यम से आपको समझाएं तो, अगर आपकी कार को 10 साल (डीजल) या फिर 15 साल (पेट्रोल) साल का समय पूरा हो गया है तो आप पुरानी गाड़ी को स्क्रैप में देकर इस पॉलिसी के तहत नई गाड़ी खरीदते समय मोटी रकम बचा सकते हैं, इससे पुराने वाहनों की कमी होने से पर्यावरण प्रदुषण भी कम होगा, परिवहन विभाग द्वारा स्क्रैप पॉलिसी लागू करने के बाद अधिकृत सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) और जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) से जानकारी मांगी गई है। उन्हें स्थानीय स्तर पर स्क्रैप सेंटर चलाने वालों का जल्दी ही ब्योरा देने कहा गया है। इसकी सूची मिलने के बाद परिवहन विभाग मुख्यालय द्वारा अधिकृत स्क्रैप सेंटर तय किया जायेगा। यहां वाहन मालिक द्वारा अपनी स्वेच्छा से 15 वर्ष पुरानी वाहनों को स्क्रैप करा सकेंगे। इसका संचालन करने वाले वाहन का मूल्यांकन कर उसकी कीमत के साथ ही प्रमाण पत्र भी देंगे। इसे नई वाहन की खरीदी करते समय पेश करने पर खरीदार को अधिकतम 25 फीसदी तक रोड टैक्स में छूट मिलेगी। इस पॉलिसी को लेकर वाहन चालकों में खासा उत्साह नहीं है, जब यह बात आम लोगों को समझ में आये।
नियम और शर्तों का निर्धारण :
परिवहन विभाग के अधिकारी अधिकृत स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए नियम और शर्तो का निर्धारण करने में जुटे हुए है। इसके तय होते ही निर्धारित शर्तो को पूरा करने वालों को इसे खोलने की अनुमति दी जाएगी। वाहन का स्क्रैप करने के साथ ही उसका इंजन, चेचिस नंबर, वाहन मालिक का नाम-पता और वाहन की क्षमता और अन्य दस्तावेजों की जांच कर इसका रेकॉर्ड भी रखेंगे। ताकि चोरी की वाहन खपाने और किसी भी तरह के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जा सकें। बता दें कि छत्तीसगढ़ में स्क्रैप पॉलिसी लागू करने के बाद राजपत्र में 19 जून को इसका प्रकाशन किया गया है। जिसको लेकर विभाग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। जल्द ही ये सेंटर खुल जायेंगे।
प्रदेश के सभी जिलों में स्क्रैप सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। यहां वाहन मालिक स्वेच्छा से वाहन का स्क्रैप करा सकेंगे। सभी जिले के परिवहन अधिकारियों और स्क्रैप सेंटर चलाने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है।
-एस प्रकाश, सचिव परिवहन विभाग