दरिंदगी : ट्रेन में खून से लथपथ और अर्धनग्न मिली महिला कॉन्स्टेबल, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने रात में लगाई अदालत, आरोपियों का कोई सुराग नहीं।

अयोध्या (उ.प्र.) : महिला सिपाही के साथ तीन दिन पहले ट्रेन में हैवानियत हुई थी। सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में सवार महिला सिपाही अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी। हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था। महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। मामले में पीड़ित महिला सिपाही के साथ बलात्कार की भी आशंका जताई जा रही है। सुल्तानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी हुई थी। 30 अगस्त की सुबह सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में एक महिला कॉन्स्टेबल खून से लथपथ सीट के नीचे मिली, कॉस्टेबल के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। ट्रेन में खून फैला था। चेहरे पर चाकू के गहरे निशान थे। महिला कॉन्स्टेबल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने रविवार रात 9 बजे स्पेशल बेंच गठित की और अपने सरकारी आवास पर मामले की सुनवाई की। बेंच ने घटना पर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। इसके बाद सोमवार दोपहर फिर सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश में जहाँ कानून व्यवस्था की दुहाई दी जाती है, उसी उत्तर प्रदेश में ये हैवानियत भरा काण्ड होना, लोगों में भय पैदा करने वाला है, जहाँ खुद महिला पुलिस सुरक्षित नहीं है वहां आम आदमी के हालात क्या हो सकते है।

अगली सुनवाई 13 सितंबर को…अभी चल रही जांच से कोर्ट संतुष्ट :

सोमवार दोपहर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने राज्य सरकार और रेलवे से जवाब मांगा। कोर्ट ने पूछा-घायल महिला सिपाही केस में अब तक क्या एक्शन हुआ, इस पर SP रेलवे ने जानकारी दी। कोर्ट ने ट्रेन में सुरक्षा इंतजाम की जानकारी मांगी। पूछा – GRP और RPF उस समय कहां थी? हाईकोर्ट वर्तमान में चल रही जांच से संतुष्ट है। अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की है। कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता एके संड भी मौजूद रहे। यह घटना पूरे देश में आग की तरह फ़ैल गई है, मामले को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।

किसी सीनियर अफसर को पेश होने का आदेश, सरकार से भी जवाब तालाब :

कोर्ट ने रविवार को हुई सुनवाई के दौरान जांच से जुड़े किसी सीनियर अफसर को भी पेश होने का आदेश दिया है। अफसर को कोर्ट में मौजूद होकर यह बताना होगा कि इस मामले में अब तक क्या एक्शन हुआ है। सरकार को भी यह बताना होगा कि इस मामले में अब तक आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हुई या नहीं? सुनवाई के दौरान रेलवे की तरफ से केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को मौजूद रहना होगा। रविवार रात को इस मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय और एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया है। हाईकोर्ट के वकील राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को एक लेटर देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर काफी संवेदनशील है।

चेहरे पर 15 टांके, चाकू से हमले की आशंका :

30 अगस्त सुबह 4 बजे अयोध्या GRP को ​​​​​महिला कॉन्स्टेबल गंभीर घायल अवस्था में ट्रेन में मिली थी। GRP जब ट्रेन में पहुंची, उस दौरान​​​​ महिला कॉन्स्टेबल की वर्दी अस्त-व्यस्त थी। चेहरे और शरीर पर गहरे जख्म थे। वह सीट के नीचे पड़ी हुई थी। आशंका है कि उस पर किसी ने चाकू से हमला किया हो। चेहरे पर 15 से ज्यादा टांके लगे हैं। ज्यादा खून बहने से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल, उसका इलाज लखनऊ के KGMU में चल रहा है। महिला कॉन्स्टेबल की हालत गंभीर बनी हुई है। अभी वह बयान देने की हालत में नहीं है।

सोमवार को घायल महिला सिपाही का हाल जानने एसीएस होम, डीजीपी और डीजी लॉ एंड ऑर्डर KGMU पहुंचे। डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “घायल महिला सिपाही की स्थिति सामान्य होने पर उनका बयान लिया जायेगा। फॉरेंसिक और अब तक की जांच में महिला सिपाही से यौन अपराध की पुष्टि नहीं हुई है। हाईकोर्ट को अब तक हुई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी गई है।”

सुल्तानपुर में पोस्टिंग, अयोध्या में ड्यूटी लगी थी :

महिला की पोस्टिंग सुल्तानपुर में है। सावन मेले में उसकी ड्यूटी अयोध्या के हनुमानगढ़ी में सुबह 3 बजे से शाम 5:40 बजे तक लगाई गई थी। 29 अगस्त को वह दोपहर सुल्तानपुर से अयोध्या के लिए सरयू एक्सप्रेस से निकली थी। ट्रेन रात करीब 11 बजे अयोध्या पहुंची। 30 अगस्त को सुबह 4:15 बजे अयोध्या से आगे मनकापुर में वह घायल अवस्था में मिली।

भाई बोला- बहन के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ, उसकी स्थिति सुधर रही :

महिला कॉन्स्टेबल का जो वीडियो वायरल हुआ था उसे देखकर दरिंदगी की आशंका व्यक्त की जा रही थी। हालांकि, भाई ने वीडियो जारी कर कहा – मेरी बहन के साथ कोई दुष्कर्म जैसी घटना नहीं हुई थी। सोशल मीडिया पर लोग इस तरह खबरें चलाकर परिवार की छवि धूमिल कर रहे हैं। पीड़िता का लखनऊ ट्रॉमा सेंटर मे इलाज चल रहा है। पहले से स्थिति ठीक है। पुलिस विभाग भी सहयोग कर रहा है। लोगों से अपील है कि वे गलत सूचनायें न फैलायें। यूपी पुलिस ने भी बताया की दुष्कर्म जैसी कोई घटना नहीं हुई है।

पुलिस और GRP क्या कहती है… :

एसपी जीआरपी लखनऊ पूजा यादव ने इस पूरे मामले में वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने बताया – मेडिकल और FSL रिपोर्ट में किसी भी प्रकार के सेक्सुअल असाल्ट की पुष्टि नहीं हुई है। घटना के खुलासे के संबंध में हर पहलू पर जांच की जा रही है। जल्द खुलासा किया जाएगा। वहीं, अयोध्या कैंट थाने के प्रभारी निरीक्षक पप्पू यादव का कहना है कि टीम गठित कर अभी जांच-पड़ताल की जा रही है। एसपी रेलवे और सीओ की निगरानी में छानबीन जारी है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जायेगा। मामले को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद है।