सागर (म.प्र.) : बीना के मस्जिद वार्ड में रहने वाली 28 वर्षीय पूनम प्रजापति ने 21 अगस्त को बीना थाना में शिकायत करते हुए बताया कि वह वफ्फ बोर्ड की मस्जिद में किराए के मकान में रहती है। 20 अगस्त की शाम को वह अपने कमरे में पूजा पाठ करके मोबाईल पर हनुमान चालीसा बजा रही थी, तभी असलम बेग, साबिर खान और दो अन्य युवक आए और युवती को मोबाईल पर हनुमान चालीसा बंद कर पूजा पाठ न करने के लिए कहने लगे। युवती ने शिकायत में बताया कि आरोपियों ने कहा कि मस्जिद के आसपास हिंदुओं को नहीं रखा जा सकता है। अगर तुम्हें यहां रहना है तो मतांतरण कर लो। अगर तुम ऐसा करती हो तो बोर्ड के चेयरमैन सनबर पटेल तुम्हें अलग से घर और दो लाख रुपए भी देंगे। युवती ने कहा कि मना करने पर आरोपियों ने उसका हाथ भी मरोड़ा और जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। तबसे युवती तनाव में रहने लगी।
मुस्लिम युवकों से परेशान युवती ने पुलिस से शिकायत के बाद कार्यवाही न होने से तंग आकर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जहरीला पदार्थ खा लिया। कार्यालय से निकल रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने युवती को जमीन पर पड़ा देख अपनी कार से तुरंत मेडिकल कालेज पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है। बीना निवासी युवती ने 21 अप्रैल को बीना थाने में घर के आसपास रहने वाले चार मुस्लिम युवकों पर परेशान कर मतांतरण करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। इस मुद्दे में जब कार्यवाही नहीं हुई तो युवती ने जहरीला पदार्थ खा लिया।
दोपहर करीब दो बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर एक युवती को जहर पीता देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा तुरंत उसे अपनी कार में बैठा कर मेडिकल कालेज लेकर गए, जहां कैजुअल्टी वार्ड में युवती को भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया गया। समय पर इलाज मिलने से युवती की हालत में अब सुधार है। सूचना के बाद सिविल लाइन प्रभारी अर्चना जाट और गोपालगंज थाना प्रभारी अजय सारवन भी अस्पताल पहुंच गए। बीना निवासी युवती ने 21 अप्रैल को बीना थाने में घर के आसपास के युवकों पर आरोप लगाया था, जिस पर कार्यवाही नहीं हो पाई थी।
सुबह से दोपहर तक नहीं मिले एसपी :
शिकायत के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने सागर में आईजी कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी इसकी शिकायत की। फिर भी पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्यवाही नही की। युवती मंगलवार को भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय आई हुई थी। सुबह से लेकर दोपहर तक जब उसे एसपी अभिषेक तिवारी से नहीं मिलने दिया गया तो दोपहर करीब दो बजे उसने अपने पास रखे कीटनाशक को पी लिया। मेडिकल कालेज में तुरंत इलाज मिलने के बाद युवती को कुछ देर बाद होश आया। तहसीलदार के समक्ष बयान में उसने पूरी बात बताई और कहा कि शिकायत के बाद आरोपी उसे और ज्यादा परेशान करने लगे। सागर आने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो वह घर जाने से डर गई और डर के मारे उसने ऐसा कदम उठाया। युवती के इस कदम के बाद पुलिस सक्रिय हुई, लेकिन मामले में अभी तक कोई कार्यवाही की जानकारी सामने नहीं आई है।
इनका कहना है :
एसपी कार्यालय परिसर के पास युवती को गंभीर हालत में देख उसे मैंने अपनी कार से मेडिकल कालेज लेकर भर्ती कराया है। युवती द्वारा ऐसा कदम क्यों उठाया गया। इसकी जानकारी उसके बयान के बाद ही चल पाएगा।
लोकेश सिन्हा, एएसपी
संबंधित युवती द्वारा शिकायत आवेदन देकर मस्जिद कमेटी के सदस्यों पर आरोप लगाया गया था, जिसकी जांच एसडीओपी द्वारा की जा रही है। आरोपित पक्ष के बयान भी लिए गए हैं। मामला जांच में है।
भरत सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी बीना