शिमला। मंत्री टीएस सिंहदेव की बहन आशा कुमारी चुनाव हार गयी है। डलहौजी विधानसभा सीट बीजेपी प्रत्याशी धविंदर सिंह ने उन्हें करीब 10 हजार वोट से हरा दिया। धविंदर सिंह को जहां 32863 वोट मिले, वहीं आशा कुमारी को 23073 वोट ही मिले हैं। आशा कुमारी के लिए खुद टीएस सिंहदेव ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला था। आशा कुमारी के लिए उन्होंने डलहौजी में कैंप किया था। चंबा जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं, इनमें से डलहौजी विधानसभा बेहद ही खास सीटों में शुमार है। आशा कुमारी को मुख्यमंत्री पद का भी दावेदार कहा जा रहा था।
इस बार कांग्रेस के सामने डलहौजी सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने की कड़ी चुनौती बनी हुई थी। यहां से कांग्रेस की सीटिंग विधायक आशा कुमारी चुनावी मैदान में थीं। भाजपा के डीएस ठाकुर और आम आदमी पार्टी से मनीष सरीन चुनावी दंगल में उतरे थे। इस सीट पर तीनों ही प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही थी पर जीत भाजपा को मिली। ठाकुर के प्रति उनके समर्थन से भाजपा को मजबूती मिली, जो पहाड़ी राज्य में सत्ता पर पकड़ बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है।
हर्ष महाजन पूर्व कांग्रेस नेता देसराज महाजन के बेटे हैं, जो दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे और तीन बार डलहौजी सीट से विजयी हुए थे. डलहौजी निर्वाचन क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की खासी संख्या (89.78 प्रतिशत) है. यहां चुनाव में खराब सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों की कमी प्रमुख चुनावी मुद्दे थे. आशा कुमारी चंबा के पूर्व शाही परिवार से आती हैं और वह 1985 में पहली बार विजयी हुई थीं. उसके बाद वह 1993, 1998, 2003, 2012 और 2017 में पुन: निर्वाचित हुईं।
पंजाब की पूर्व कांग्रेस प्रभारी और पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने 2012 में भाजपा प्रतिद्वंद्वी रेणु चड्डा को 7,365 मतों के अंतर से हराया था, लेकिन 2017 में ठाकुर के खिलाफ उनकी जीत का अंतर महज 556 मतों का रह गया था।