गुना (म.प्र.) : सड़क परिवहन में कई बार दुर्घटनायें होती रहती है, लेकिन कभी-कभी भयानक हादसे भी हो जाते है, जो दिल दहला देते है, ऐसा ही एक हादसा हुआ है मध्यप्रदेश के गुना जिले में, खबर के मुताबिक गुना में बुधवार रात बस और डंपर की भीषण टक्कर में 13 लोग जिंदा जल गए, आग इतनी भयंकर लगी की यात्रियों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया। बस में लगभग 30 से 40 यात्री सवार थे। वहीं 15 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह पूरा हादसा सेमरी घाटी से पास हुआ है, अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन हैं? किसकी वजह ये भीषण सड़क हादसा हुआ है? इस भयानक हादसे ने जिले के लोगों को झकझोर कर दिया है।
हादसे ने लिया भयंकर रूप :
बता दें कि घाटी पर अब सिर्फ जिंदा जले लोगों की राख नजर आ रही है। किसी के कपड़े खून से लथपथ पड़े हुए हैं तो किसी का जला मोबाईल सड़क पर पड़ा है। आग इतनी भीषण थी कि आस-पास की हरी-भरी झाड़ियां भी जल गई। जिनके अपने परिजन इस बस हादसे में जिंदा जल गए उनमें अब काफी आक्रोश है। हालात इस कदर है कि लाश को पहचानना भी मुश्किल हो रहा है, यात्री पूरी तरह से जल-भून गये है। घटना के बाद का हालात देख पाना भी मुश्किल हो रहा है। जिसकी तस्वीरें हमने आपके सामने लाना सही नहीं समझा।
डीएनए टेस्ट से होगी पहचान :
हादसे में जिंदा जले लोगों की पहचान करना प्रशासन के लिए मुश्किल भरा हो रहा है, क्योंकि डंपर और बस की टक्कर के बाद बस में भीषण आग लगी थी और तकरीबन 13 लोग जिंदा जल गए। कई लोगों की पहचान के लिए प्रशासन अब डीएनए टेस्ट कराएगी। इसके बाद ही पता चल सकता है कौन सी किसकी लाश है।
चार लाख की सहायता :
सीएम डा. मोहन यादव ने जांच के आदेश देते हुए अधिकारियों से कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। मृतक के स्वजन को चार लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता के निर्देश भी दिए।
लपटों में घिरे यात्रियों को बचाने कोई पहुंच नहीं सका :
बस में इतनी अधिक आग की लपटें निकल रहीं थीं कि कोई व्यक्ति बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने जा भी नहीं सका। जैसे ही बस में लपटें उठना शुरू हुईं वैसे ही यात्रियों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। बस जिस मार्ग पर चल रही थी वह सुनसान इलाका था।
बस के पिछले हिस्से में बैठे यात्री आग से घिर गए :
बस में आग लगने के बाद आगे व बीच की सीटों पर बैठे ज्यादातर यात्री निकल आए थे। बस के पिछले हिस्से में बैठे लोग धूं-धूं कर झुलसने लगे थे। जब तक पुलिस व प्रशासन का राहत दल पहुंचा तब तक दस लोग बुरी तरह झुलस गए। बस से निकाले गए एक यात्री ने अस्पताल में दम तोड़ा। मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है। कुछ तस्वीरें तो इतनी भयानक है कि दिखा पाना भी मुश्किल है, बस इतना समझ लीजिये की भयानक आग में आदमी का शरीर किस हद तक जल गया होगा? सोचना भी मुश्किल है।
इधर RSS कार्यकर्ता भी लापता :
चंद्र प्रताप सिंह रघुवंशी बताते हैं कि उनके साथी आरएसएस के मनोहर शर्मा कल आरोन से गुना बैठक के लिए गए थे और इसी बस से वापस आ रहे थे। उनका कोई अता-पता नहीं है, उनके इस बस में जिंदा जलने की खबर है। चंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुना में अनफिट बसें दौड़ रही है। यदि बस फिट होती तो टक्कर के बाद आग नहीं लगती और लोगों की जान नहीं जाती। राजनेताओं का ऐसे खटारा बसों के संचालन में संरक्षण है। वहीं वीर सिंह सिलावट बताते हैं कि उनके भाई महेश सिलावट इसी बस में थे। उनका भी कोई अतापता नहीं है, जिसको लेकर परिजन भी काफी चिंतित है ।बस यात्रा कर रहे लोगों के परिजनों की साँसे अटकी हुई है, कहीं इनमें उनका कोई परिजन किस हालत में है, कह पाना मुश्किल है।
परिवहन विभाग की जांच शुरू :
वहीं इस दर्दनाक हादसे की जांच के आदेश सीएम डॉ. मोहन यादव ने दे दिए हैं। जिसके बाद घटनास्थल पर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरुण सिंह पहुंचे थे। जांच के लिए पहुंचे डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरुण सिंह ने ये स्वीकार किया कि पूरी बस खसता हालत में थी। फिटनेस और इंश्योरेंस संबंधित अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की जाएगी।
जर्जर बसें सड़क पर दौड़ रही :
जानकारी ये भी सामने आ रही है कि हादसे वाली बस का RTO के रिकॉर्ड के मुताबिक फिटनेस 2022 तक का था। जबकि इंश्योरेंस का अतापता ही नहीं है। वहीं प्रदेश में इस तरह की कई बसें बिना इंश्योरेंस के इसी तरह दौड़ रही है। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्यों आरटीओ से लेकर प्रशासन जर्जर बसों को दौड़ा रहा है। हादसे के बाद ही प्रशासनिक अमला होश में आया है, लेकिन जिनके परिजनों के साथ ये दर्दनाक हादसा हो गया, उनका कौन जिम्मेदार है? ये सवाल यहीं रह गया है।