रायपुर : जमीन रजिस्ट्री कराना एक कानूनी प्रक्रिया होती है, जिसमें किसी प्रॉपर्टी का खरीदार उसके मालिक से उस संपत्ति को अपने नाम कराता है। रजिस्ट्री के समय डॉक्यूमेंट चेक करना बहुत जरूरी होता है। एनजीडीआरएस (नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पर 2 दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला 4 से 5 जनवरी तक कृषि विभाग के सभागार में की गई। इस कार्यक्रम में जिले के पंजीकरण अधिकारियों ने भाग लिया था। पंजीयन कार्यालय के सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंजीकरण की प्रक्रिया को कम्प्यूटरीकृत और स्वचालित किया जा रहा है। एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को देश के 10 राज्यों द्वारा अपनाया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला ग्यारहवां राज्य है। इस कार्य के शुरू होने से लोगों को समय बचेगा और साथ में धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी। इस सॉफ्टवेयर में अन्य राज्यों में प्रचलित उत्कृष्ट प्रावधानों का समावेश किया गया है। ट्रेनिंग देने एनआईसी के अधिकारियों को भूमि स्वामी हक और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है। इसे जल्द ही आधार एवं पैन से जोड़कर पक्षकारों की शिनाख्ती ऑनलाईन की जा सकेगी, जिससे जालसाजी की संभावना खत्म हो जाएगी। इस नवीन व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों के पंजीयन व्यवस्था और आसान हो जायेगा।
आसान हो जाएगी प्रक्रिया. मार्च तक शुरू हो जाएगा सिस्टम : :
इस व्यवस्था के तहत पंजीयन का कार्य और अधिक सरल और कम समय में किया जा सकेगा। पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रूकना पड़ेगा तथा दस्तावेज पंजीयन के दिन ही दिया जा सकेगा। महानिरीक्षक पंजीयन ने यह बताया कि पंजीयन विभाग के उप पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कार्य कम्प्यूटरीकृत ई-पंजीयन प्रणाली से किया जाता रहा है। वर्तमान में यह कार्य बीओटी पद्धति के तहत सेवा प्रदाता कम्पनी द्वारा संचालित है, पंजीयन विभाग द्वारा अब इसके स्थान पर एनआईसी पुणे द्वारा विकसित एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को मार्च तक लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिये है।