कल्याण (महाराष्ट्र) : उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा भारी पड़ गई, जहाँ वो सत्ता से बाहर भी आ गये, वहीँ उनके हिन्दूवादी वोटर भी कट गये, साथ में एकनाथ शिंदे जैसे हिंदूवादी विचारधारा वाले समर्थक भी शिवसेना में दो फाड़ कर दिये, उद्धव से तीर-कमान चुनाव चिन्ह भी छीन गया। शिवसेना पार्टी के अधिकार और धनुष बाण निशानी हाथ से गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे की मुसीबतें भी अब बढ़ती ही जा रही हैं। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मशाल निशानी दे रखी है, जिस पर समता पार्टी ने भी दावा कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी निशानी के लिए जरूरी दस्तावेज समता पार्टी ने चुनाव आयोग में जमा कराया है और यह दावा किया है कि मशाल निशानी उनकी है, उन्हें वापस किया जाए। धनुष बाण चुनाव चिन्ह खोने के बाद ठाकरे गुट मशाल चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेगा यह कयास लगाया जा रहा था, लेकिन अब लगता है कि यह निशान भी उद्धव ठाकरे के हाथ से जा सकती है। अब इसके बाद य्द्ध्व की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही है।
समता पार्टी ने किया दावा :
ठाणे के कल्याण में समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने प्रेसवार्ता में कहा कि समता पार्टी एक राष्ट्रीय दल है, जो बिहार, मणिपुर एवं अन्य राज्यों में मशाल निशानी पर चुनाव लड़ चुकी है। उनका दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मशाल चुनाव चिन्ह उद्धव ठाकरे से वापस लिया जा सकता है क्योंकि यह चिन्ह उनको पहले से ही दिया गया है।
चुनाव आयोग में जमा कराए जरूरी कागजात :
लोकसभा चुनाव से पूर्व चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय दलों को चुनावी निशानी के लिए अनिवार्य कागज़ात जमा करने की सूचना दी है। जिसके लिए पार्टी द्वारा सभी जरूरी पेपर चुनाव आयोग में सबमिट किए गए हैं। उदय मंडल ने आगे कहा कि शिवसेना में हुई दो-फाड़ के बाद शिवसेना के अधिकार को लेकर विवाद चल रहा था। इस बीच हमारी मशाल निशानी चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को दे दी। अब चूंकि विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है, तो हमारी निशानी हमें वापस देने की मांग समता पार्टी के अध्यक्ष उदय मंडल ने की है।
आगामी चुनाव मशाल निशानी पर लड़ने का दावा :
उदय मंडल ने कहा कि समता पार्टी मशाल निशानी के लिए सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनाव में हम प्रत्येक राज्यों में प्रत्याशी उतारेंगे। जिसके लिए केवल मशाल निशानी पर दावा किया गया है। यह निशानी समता पार्टी को नहीं दी गई, तो चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने कही है। अब इस मुद्दे के बाद उद्धव की मुसीबतें भी बढ़ गई है, चुनाव भी नजदीक आ रहा है।