व्यापार : देश में लगातार हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीँ देश में विमानन कम्पनियाँ लगातार नये विमान ला रही है। वहीँ ताजा जानकारी के अनुसार देश में हवाई यात्रियों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके चलते घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 2030 तक बढ़कर 30 करो़ड हो जायेगी, उस हिसाब से समय पर सुविधायें बढ़ाना बहुत ही आवश्यक भी है, जिससे युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर खुल रहे है। सिंधिया ने कहा कि घरेलू यात्रियों की संख्या जो 2014 में 6 करोड़ थी, वह कोविड से पहले बढ़कर 14.5 करोड़ और 2023 में यह बढ़कर 15.3 करोड़ पहुंच गई। विमानन मंत्री ने कहा कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में विमान का सबसे बड़ा खरीददार बन गया है। हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने से भारत को अगले 20 साल में 2,840 नए विमानों और 41,000 पायलटों की जरूरत होगी। एयरबस भारत और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड यह अनुमान जताते हुए कहा कि साथ ही देश में 47,000 तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता भी होगी। जिनको लेकर भर्तियाँ भी शुरू होने वाली है।
उन्होंने विमानन सम्मेलन एवं प्रदर्शनी- ‘विंग्स इंडिया 2024’ के मौके पर कहा कि एयरबस इस दशक के अंत तक भारत से अपनी सोर्सिंग को मौजूदा 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 1.5 अरब डॉलर कर देगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल एयरबस को 750 विमानों का ऑर्डर मिला और उसने भारतीय एयरलाईन कंपनियों को 75 विमानों की आपूर्ति की। इनमें 41 इंडिगो को, 19 एयर इंडिया को, 14 विस्तारा को और एक गो फर्स्ट को दिए गए। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले 20 साल में भारत 6.2 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीँ टाटा कंपनी ने भी विमानों का सबसे बड़ा सौदा किया है।
तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार :
भारत दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है, यहाँ की जनसँख्या दुनिया के सभी देशों की जनसँख्या से सबसे ज्यादा है। यह तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार और सातवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन बाजार भी है। दोनों को मिला दिया जाए तो भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि टियर 2 और टियर 3 शहरों को जोड़ने के दौरान मंत्रालय की नजर महानगरों पर है। छह महानगरों में 2021 में 221 मिलियन यात्रियों की थ्रूपुट (प्रवाह) क्षमता थी और पिछले ढाई वर्षों में यह बढ़कर 261 मिलियन हो गई है। अगले चार वर्षों में, दो नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों (एक नवी मुंबई में और दूसरा दिल्ली के पास जेवर में) के साथ यह क्षमता 420 मिलियन के करीब पहुंच जाएगी। इसमें लगातार बढ़ोत्तरी भी हो रही है।
एक साल में 1,120 विमान का ऑर्डर दिया :
इधर अकासा एयर ने बृहस्पतिवार को 150 विमान का ऑर्डर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही तीन भारतीय विमानन कंपनियों ने मिलकर एक साल के भीतर कुल 1,120 विमानों का ऑर्डर दिया है। दो साल से भी कम पुरानी अकासा एयर ने 150 बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए पुष्ट ऑर्डर दिया है। इसमें 737 मैक्स-10 और 737 मैक्स 8-200 विमान शामिल हैं। वर्ष 2023 में एयर इंडिया और इंडिगो ने मिलकर बोइंग और एयरबस को 970 विमानों के ऑर्डर दिए। तीनों कंपनियां तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में पैठ बढ़ाने के लिए अपने बेड़े के विस्तार पर जोर दे रही हैं। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने पिछले साल फरवरी में 470 विमानों का ऑर्डर दिया था यह बहुत बड़ा सौदा था। इसमें 250 विमानों का ऑर्डर एयरबस को और 220 विमानों का ऑर्डर बोइंग को मिला। इसके बाद जून में, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने एयरबस के साथ 500 विमान खरीदने के लिए समझौता किया है। पिछले साल फरवरी से अकासा एयर, एयर इंडिया और इंडिगो ने मिलकर 1,120 विमानों का ऑर्डर दिया है।
उपरोक्त आवश्यकताओं के आधार विमानन सेवाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जिनकी आवश्यकताओं को लेकर हजारों पायलटों की आवश्यकता कंपनियों को रहेगी वहीँ कई कर्मचारियों की भर्ती भी होगी। यह युवाओं के लिये एक खासा अवसर है रोजगार के क्षेत्र में।