राजधानी के अंबेडकर अस्पताल में 300 बिस्तर बढ़ाने की तैयारी, अब होगा और ज्यादा सुविधाजनक

रायपुर । 700 बिस्तरों से शुरू हुआ था आंबेडकर अस्पताल, अब अंबेडकर अस्पताल में जल्द ही बेड की मारामारी खत्म होगी। अस्पताल का विस्तार होने वाला है। इसमें 300 बिस्तर बढ़ जाएंगे। इसमें 60 बेड के आईसीयू से लेकर पैथोलॉजी लैब, नया ऑपरेशन थिएटर भी बनाया जाएगा। इसके लिए 41.5 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुका है।

नई बिल्डिंग का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगा। अभी कंसल्टेंट नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। कैंसर विभाग की ओर अभी दो मंजिला बिल्डिंग है। इसी बिल्डिंग का एक्सटेंशन कर कुल 6 मंजिला बनाया जाएगा। यानी 5 नई मंजिल बनाई जाएगी। ड्राइंग व डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बिल्डिंग में कैंसर के अलावा दूसरे विभागों को बेड दिया जाएगा। वहीं दूसरे से छठवें फ्लोर तक 60-60 बेड का वार्ड भी बनाया जाएगा।

इसमें डॉक्टरों के ड्यूटी रूम से लेकर नर्सिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। 5वीं मंजिल में आईसीयू व टॉप फ्लोर पर ऑपरेशन थिएटर भी रहेगा। ओटी मॉड्यूलर बनाया जाएगा। अभी अस्पताल में एक भी मॉड्यूलर ओटी नहीं है। मॉड्यूलर ओटी में ऑपरेशन के दौरान संक्रमण की संभावना कम होती है। इसलिए ज्यादातर बड़े निजी अस्पतालों में मरीजों का ऑपरेशन मॉड्यूलर ओटी में किया जाता है। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार अस्पताल का विस्तार होने से ज्यादा मरीजों की भर्ती हो सकेगी।

अभी 1252 बेड का अस्पताल मेडिसिन व गायनी में जगह नहीं :

अंबेडकर में अभी कुल 1252 बेड है। अस्पताल का विस्तार होने के बाद बेड की संख्या 1552 पहुंच जाएगी। इससे दूरदराज से आने वाले मरीजों को बेड के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मेडिसिन विभाग में 240 से ज्यादा बेड है। इसके बाद भी सीजनल बीमारियों के लिए समय जमीन पर बेड लगाकर मरीजों का इलाज करना पड़ता है। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि बेड बढ़ाने से मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा। दरअसल यहां रिफरल मरीज भी आते हैं। इस कारण यहां एक-एक बेड पर दो-दो महिलाओं का इलाज करने की मज़बूरी होती है।

बच्चाें और महिलाओं का वार्ड अलग बनेगा :

अस्पताल में मदर-चाइल्ड अस्पताल के लिए अलग से बिल्डिंग बनेगी। इसके लिए केंद्र सरकार से पहले ही 25 करोड़ रुपए मिल गए हैं। इस बिल्डिंग के बन जाने के बाद पीडियाट्रिक व गायनी विभाग मुख्य बिल्डिंग से शिफ्ट हो जाएगा। यह बिल्डिंग पुराने ब्वायज हॉस्टल के पास बनेगी। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी है। दोनों विभाग अलग से होने से मुख्य बिल्डिंग में 200 से ज्यादा बेड खाली हो जाएंगे, जिसे जरूरतमंद विभागों को दिया जाएगा।

आईसीयू में 60 बेड भी कम पड़ रहे है:

आईसीयू में 60 से ज्यादा बेड है, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए यह कम पड़ जाता है। आईसीयू में 60 बेड और बढ़ जाने से गंभीर मरीजों के इलाज में बड़ी सुविधा होगी। अभी आंको सर्जरी का अलग आईसीयू है। हार्ट के मरीजों के लिए एसीआई में आईसीयू है। जबकि मेडिसिन, जनरल सर्जरी के लिए अलग आईसीयू है। 10 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट भी है, जिसमें अति गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है। यह एनीस्थीसिया विभाग के जिम्मे है। कोरोनाकाल में आईसीयू को बंद कर कोराेना आईसीयू बनाया गया था। अब एक भी कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं चल रहा है।

मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल का एक्सटेंशन जरूरी है। नई बिल्डिंग में कैंसर के अलावा दूसरे विभागों को वार्ड दिए जाने का प्रस्ताव है। अभी ड्राइंग व डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
डॉ. एसबीएस नेताम, अधीक्षक अंबेडकर अस्पताल