बैंक खाता बंद करवाने के बावजूद रहा जारी, कारोबारी फंसा लाखों की धोखाधड़ी में, सामने आई हैरान करने वाली घटना।

रायपुर : धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते ही रहते है, लेकिन कभी – कभी कुछ हैरान करने वाले मामले भी सामने आ जाते है, जो कि गहरी सोच में डूबने को मजबूर कर देते है, ऐसा ही एक मामला है आईडीबीआई बैंक का जहाँ ब्रांच मैनेजर ने कारोबारी के साथ मिलकर 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब राजेश कुमार राहंगडाले के पास रिकवरी के लिए आयकर विभाग का नोटिस आया। इस मामले को लेकर फिलहाल सिविल लाइन ने पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रायपुरा निवासी राजेश कुमार राहंगडाले ने 11 अक्टूबर 2012 में आईडीबीआई बैंक में खाता खुलवाया था, कुछ दिनों के बाद 18 अक्टूबर 2012 को उन्होंने बैंक में अपना खाता बंद कराने के लिए आवेदन किया था। इसी बीच राजेश ने बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और साइन किए चार चेक बैंक में जमा कर दिए, राजेश की इसमें मुख्य गलती रही की राजेश ने चेकों में हस्ताक्षर कर दिये थे। उस समय तत्कालीन ब्रांच मैनेजर ने उन्हें 24 घंटे के भीतर खाता बंद करने का आश्वासन दिया था।

खाता बंद करने के बजाय ब्रांच मैनेजर ने राजेश इलेक्ट्रानिक फर्म के मालिक राजेश सचदेवा के साथ मिलकर धोखाधड़ी की योजना बनाई। दोनों ने राजेश कुमार राहंगडाले के मोबाईल नंबर और ईमेल आईडी बदलकर खाते का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। इसी बीच राजेश कुमार राहंगडाले के खाते से 24 लाख 90 हजार का लेन-देन कर दिया। चूंकि बैंक मैनेजर के साथ राजेश सचदेवा की अच्छी पहचान थी। इसी का फायदा उन्होंने उठाया, जिसको लेकर दोनों ने मिली भगत से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

आप भी सतर्क रहें, सुरक्षित रहें :

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यह मामला तब सामने आया जब आयकर विभाग ने राजेश कुमार राहंगडाले को 17 लाख 82 हजार 930 रुपए की रिकवरी के लिए नोटिस भेजा। राजेश ने तुरंत बैंक से संपर्क किया और इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि इस खाते में किसी भी लेनदेन में उनका कोई हाथ नहीं था और सभी ट्रांजेक्शन राजेश सचदेवा द्वारा किए गए थे। जिसको लेकर राजेश ने तुरंत ही शिकायत दर्ज करवाई।

रखें ये सावधानी :

इस मामले से यह साफ होता है कि बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते समय सतर्कता और जागरुकता बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। बैंक खातों से संबंधित किसी भी तरह की अनियमितता को तुरंत सूचित करना चाहिये और खातों की स्थिति की नियमित जांच करना आवश्यक है, खाता बंद करवाने के बाद कन्फर्म करना भी जरुरी है। धोखाधड़ी से बचने व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखना और अंजान लोगों से जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। यह मामला अन्य लोगों के लिए एक चेतावनी है कि बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी अनियमितता की तुरंत सूचना देनी चाहिए।

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