मौलवियों और पुजारियों को हर महीने मिलेंगे रूपये, सामने आई सरकार की यह योजना….।

रायपुर : राज्य सरकार द्वारा अब ई-श्रम कार्ड योजना के तहत मंदिर-मस्जिद में सेवा-पूजा करने वाले लगभग 70 हजार से ज्यादा पुजारियों और मौलवियों को दो हजार रुपये की पेंशन देने की तैयारी में है। इस योजना में मजदूरों व अन्य को दुर्घटना बीमा और पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। किसी भी नागरिक सेवा केंद्र (सीएससी) व ई-मित्र पर आधार कार्ड, बैंक खाता, मोबाईल नंबर से आनलाईन रजिस्ट्रेशन कराने पर 12 अंकों का यू-कोड मिलता है। हरियाणा सरकार द्वारा भी यह कदम पहले ही उठाया जा चुका है।

योजना को लेकर प्राप्त जानकारी के अनुसार ई-श्रम कार्ड बनने पर दो लाख का जीवन बीमा, आंशिक विकलांगता पर आर्थिक सहयोग व 60 वर्ष की आयु के बाद दो हजार रुपये पेंशन मिलेगी। 16 से 59 साल की उम्र के लोग यह कार्ड बनवा सकते हैं। रायपुर के महामाया मंदिर के पुरोहित मनोज शुक्ला ने कहा कि शिविर लगाकर पुजारियों को योजना से जोड़ना चाहिए। ऐसा होने पर छोटे मंदिरों के पुजारियों को आजीविका के लिए मंदिर में आने वाली दानराशि पर निर्भर नहीं रहना होगा। वहीँ छोटे मंदिरों में सेवा करने वाले पुजारियों के लिये काफी मुश्किल हालात है।

यह मिलेगा लाभ :

ई-श्रमिक पंजीयन होने पर पीएम आवास, सुरक्षा बीमा, आयुष्मान भारत, सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित केंद्र की 15 से अधिक योजनाओं का लाभ मिलेगा। 16 से 59 साल की उम्र के लोग यह कार्ड बनवा सकते हैं। असमय मृत्यु होने पर पात्र आवेदक के परिवार को बीमा की रकम मिलने पर वह आर्थिक रूप से भी सुरक्षित रहेगा। श्रम विभाग के सचिव अलरमेलमंगई डी ने कहा, विभाग की ओर से इस योजना को लेकर जागरूकता के प्रयास जारी हैं। सभी जिलों के सहायक आयुक्तों द्वारा पंजीयन करवाया जा रहा है। इस क्रम में शिविर भी लगाए जाएंगे।

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अब मंदिर-मस्जिद में सेवा और पूजा करने वाले लगभग 70 हजार से अधिक पुजारी और मौलवी भी ई-श्रम कार्ड योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत उन्हें दो हजार रुपये की पेंशन राशि मिलेगी। मजदूरों और अन्य लाभार्थियों की तरह, पुजारियों और मौलवियों को भी दुर्घटना बीमा और पेंशन का लाभ प्रदान किया जाएगा।

हरियाणा में पहले ही पंडित-पुजारियों, पुरोहितों, इमाम-मौलवी, ग्रंथी, भिक्षु, लामा, नन, जैन साधु साध्वियों और पादरियों को वेतन सहित तमाम सुविधाएं मिल रही है। इसके तहत उन्हें और उनके आश्रितों को न केवल आवास और चिकित्सा लाभ मिल रहे है, बल्कि बच्चों को छात्रवृत्ति, कौशल प्रशिक्षण और अनुदान भी दिया जा रहा है।