अवैध कब्ज़ा हटाने पहुंची टीम तो कब्जाधारी ने पी लिया जहर, सामने आया ये मामला….।

बिलाईगढ़ : जगह – जगह समय – समय पर अविध कब्जे हटाने की प्रशासनिक कार्यवाही होती रहती है, बिलाईगढ़ जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां अवैध कब्जा हटाने गए तहसीलदार की टीम को रोकने के लिए बेजा कब्जाधारी ने जहर पी लिया, जिसके बाद तहसीलदार कमलेश सिदार ने कब्जाधारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। बेजा कब्जाधारी अग्रेश्वर ने आरोप लगाया है कि पटवारी और तहसीलदार ने उनके बेजाकब्जा को न हटाने के लिए 1 लाख की मांग की थी। मैं 50 हजार देने गया लेकिन तहसीलदार ने नहीं लिया और कार्यवाही करने पहुंच गए। यह पूरा मामला ग्राम पंचायत खुरसुला का है। बेजा कब्जाधारी अग्रेश्वर ने आरोप लगाया है कि, पटवारी और तहसीलदार ने उनके बेजा कब्जा को न हटाने के लिए 1 लाख रूपये की मांग की थी। 

इस पूरे मामले में तहसीलदार कमलेश सिदार ने कहा कि, आवेदक पुनीराम साहू ने कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन दिया था कि, ग्राम खुरसूला में शासकीय घास भूमि पर खुरसुला निवासी अग्रेश्वर नंदकुमार पिता बिषम्भर ने शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से बेजा कब्जा किया है। इसके अलावा उसने उस जमीन पर ट्यूबवेल खनन किया है और कच्चा मकान बनाया है। यह सब जांच करने पर कब्जे का पता चला है। 

नोटिस के बाद भी कब्ज़ा नहीं हटाया :

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तहसीलदार ने इस मामले में बताया कि, अनावेदक को कब्जा हटाने के लिए कई बार नोटिस दिया गया था। लेकिन अनावेदक ने कब्जा नहीं हटाया। इसके बाद उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई जिसके निर्देश पर बेजा कब्जा हटाने की कार्यवाही की गई। रही बात पैसे लेन-देन की तो पूरे गांव के सामने ही कार्यवाही की गई है। मैंने किसी भी प्रकार के पैसों की मांग नहीं किया है। मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। आरोप सिद्ध न होने पर मैं मानहानि का केस दावा करूंगा। वहीँ इस पूरे मामले पर खंड चिकित्सा अधिकारी पुष्पेंद्र वैष्णव ने बताया कि, खुरसुला से एक पाइजन का केस आया हुआ है। जिसका इलाज किया जा रहा है। मरीज इलाज कराने में सहयोग नहीं कर रहा है। इसके लिए उन्हें बिलासपुर भेजा जा रहा है फिलहाल उसकी हालत सामान्य है, जहर का ज्यादा असर नहीं है।