आज भी कायम है रेडियो का दबदबा, छ.ग. को मिलेगी नये FM रेडियो चैनल की सौगात, इन शहरों को मिली मंजूरी….।

रायपुर : जमाना बदल गया लेकिन रेडियो आज भी जिन्दा है, जहाँ आज लोग इन्टरनेट की दुनियां में संगीत का आनंद ले रहे है, वहीँ आज रेडियो के बदले स्वरुप ने अपनी जगह चलती हुई कारों में बना ली है और साथ ही मोबाईल में भी लोग FM सुनने के शौक़ीन है। यह सस्ता सुलभ और बेहतर साधन है संगीत सुनने का। वहीँ अब मनोरंजन के इस साधन को विस्तार देने के लिये केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 9 नए FM चैनलों के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनमें जगदलपुर, अंबिकापुर और कोरबा में 3-3 चैनल स्वीकृत हुए हैं। बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने निजी एफएम रेडियो नीति के तहत 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ तीसरे बैच की ई-नीलामी करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें छत्तीसगढ़ के शहर भी शामिल हैं। अब इन FM चैनल्स पर निजी कंपनियां इन्वेस्ट करते हुए रेडियो चैनल शुरू कर सकेंगी।

छत्तीसगढ़ के तीन शहरों में ये रेडियो स्टेशन शुरू होंगे। जगदलपुर, अंबिकापुर और कोरबा में 3-3 चैनल स्वीकृत हुए हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि, प्रदेश के इन तीन शहरों को मिलाकर देश के कुल 234 नए शहरों- कस्बों में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत से उन शहरों में एफएम रेडियो की अधूरी मांग पूरी होगी, जो अभी भी निजी एफएम रेडियो प्रसारण से अछूते हैं और मातृभाषा में स्थानीय कंटेंट पेश करेंगे। आज भी कई ऐसे लोग है जो इन्टरनेट की दुनियां में रेडियो सुनने के बजाय असली रेडियो में ही संगीत का आनन्द लेते है, ऐसे लोगों की दुनियां अलग ही है। इसके बारे में भी हम आपको आगे बतायेंगे।

जगदलपुर सबसे अहम शहर :

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केंद्र सरकार की ओर से दी गई स्वीकृति में छत्तीसगढ़ का जगदलपुर शहर सबसे अहम स्थान है, रेडियो मुख्यतः हवा से ही संचालित हो जाता है, इसके लिये कोई बड़े उपकरणों की जरूरत नहीं होती बल्कि इसकी आवृत्ति होती है, जिस पर यह संचालित होता है। अब इसको लेकर सरकार की ओर से कहा गया है कि, इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे साथ ही स्थानीय बोली और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी पहल को बढ़ावा मिलेगा। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में निजी एफएम रेडियो की स्थापना से सरकारी पहुंच बढ़ेगी। इसमें वामपंथी उग्रवाद से नुकसान होने की सम्भावना ना के बराबर है और संगीत के साथ सरकार की पहुँच भी ग्रामीण क्षेत्रों में हो जायेगी। वहीँ प्रधानमंत्री के मन की बात के पसारन का मुख्य जरिया रेडियो ही है, जिसने रेडियो की महत्ता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है।

राजधानी रायपुर में है रेडियो का एक अनोखा दीवाना :

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसे ही व्यक्ति हैं, जिनके शौक ने उन्हें वैश्विक स्तर पर मशहूर कर दिया है। ये हैं रायपुर के रावणभाटा के रहने वाले मनोहर डेंगवानी, जिनके पास दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रेडियो लाइब्रेरी है, जो कि अब 700 रेडियो से पार हो गई है, जिसमें चालू हालत में 700 से ज्यादा रेडियो है और बंद रेडियो 2000 से ज्यादा है, इनकी देखादेखी अब कई लोगों ने रेडियो का संग्रह करना भी शुरू कर दिया है, और इनके साथ रमन सरकार अपेक्स बैंक के अध्यक्ष रह चुके अशोक बजाज भी रेडियो के शौक को लेकर जुड़े हुये है, साथ ही इन रेडियो के दीवानों का अपना एक अलग ही समूह है, जो मिलकर रेडियो सुनते है और रेडियो को लेकर वृहद स्तर पर कार्यक्रम भी आयोजित करते रहते है।