रायपुर : विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा नगरनार प्रखंड में गणेश मंडलियों में जाकर समिति और ग्रामवासियों से चर्चा की गई और आग्रह करते हुए समय में ही विसर्जित करने के लिये बोला गया और गणेश भगवान रखने का उद्देश्य बताया गया। वहीँ रायपुर में बैठक कर चेतावनी भी दी गई की पितृ पक्ष में यदि विसर्जन किया गया अथवा इस दौरान डीजे का प्रयोग किया, तो बजरंग दल और संत महासभा के विरोध का सामना करना पड़ेगा। इस मेल शुक्रवार को राजधानी में हुई संतों की बैठक में यह फैसला किया गया है। बैठक में विश्व हिंदू परिषद, बंजरग दल व संत महासभा छत्तीसगढ़ के सभी पदाधिकारी शामिल रहे। बैठक में सभी संतों ने सर्वसहमति से कहा कि वे पितृ पक्ष में मूर्ति विसर्जन की घोर निंदा करते हैं। गणेश विसर्जन के दौरान फिल्मी गानों पर पूर्णतः रोक लगाने की मांग भी उनके द्वारा की गई है।
भजनों और धार्मिक गीतों का ही प्रयोग करने और नियमों का पालन करने कहा गया है। भक्तों से निवेदन करते हुए उन्होंने कहा कि पूजा-पाठ मुहूर्त पर ही करें। मुहूर्त पर कार्य नहीं करने से आपको भी दोष लगेगा और करवाने वाले को भी। ऐसा नहीं किए जाने अथवा नियम-विरुद्ध जाकर डीजे का प्रयोग करने और अनंत चतुदर्शी के बाद भी कई दिनों तक प्रतिमा स्थापित रखे रहने की जानकारी मिलने पर व्यापक आंदोलन और विरोध- प्रदर्शन किया जायेगा। इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद के घनश्याम चौधरी, ऋषि मिश्रा, विजेंद्र वर्मा, रवि वाधवानी सहित संत महासभा से निराहारी बाबा, साध्वी सौम्या, भारत योगी, गोस्वामी, रूपेश महाराज सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इन सभी ने स्पष्ट तौर पर कहा, धर्म के साथ मजाक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
शंख, नगाड़े, ढोल का प्रयोग :
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महासभामा में शामिल संतों ने कहा कि जिस तरह से स्वपना मुहूर्त देखकर की जाती है उसी तरह से विसर्जन भी तय समय पर किया जाना चाहिए। हमारे शास्त्रों में उल्लेखित शंख, नगाड़े, ढोल आदि का प्रयोग करते हुए पूजा-अर्चना करें। शास्त्र के खिलाफ कोई भी व्यक्ति जायेगा, तो हम बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। भक्तों से निवेदन है कि वे अनंत चतुर्दशी के दिन ही विसर्जन करें। संत महासभा ने शासन से भी अनुरोध किया है कि यदि कोई व्यक्ति अथवा संस्था डीजे संग पितृपक्ष में गणेश विसर्जन करे, तो उसे दंडित किया जाए। इसके बाद प्रशासन भी सख्ती बरतने के मूड में है।
संत महासभा के प्रदेशाध्यक्ष स्वामी राजेश्वरानंद ने बताया कि, शासन से अपील है कि वे पितृपक्ष में किसी को नी रैली, जुलुस या विसर्जन का कार्य न करने दें। अगर ऐसा किया जाएगा तो सभी सनातनी सगठन और संत महासमा एक बड़ा आंदोलन करेगी, जिसकी पूरी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। वहीँ इस प्रकार के मामलों में विहिप को सूचना भी दी जा सकती है।
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