चैम्बर में विवाद के बाद, अशोक वलेचा के पैनल ने नाम लिया वापस, कार्यालय के बाहर गहमागहमी, सामने आया ये मामला….।

कांकेर : चैम्बर हो या कोई अन्य संस्था विवाद तो लाजिमी है, वहीँ अब जब चेंबर ऑफ कामर्स के 9 साल बाद चुनाव होने जा रहे है तो विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद एक पूरे पैनल से अंतिम समय में नाम वापस ले लिया गया और चेंबर चुनाव के निर्वाचन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद निर्वाचन अधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद चैम्बर में बवाल मच गया है।

दरअसल, चेंबर ऑफ कामर्स का चुनाव पिछले 9 सालों से नहीं हुआ है, जिसको लेकर कई बार बवाल मचा है। जबकि, यह चुनाव हर 3 साल में होना चाहिये था। लंबे समय के बाद चुनाव के चलते काफी गहमा-गहमी का माहौल इन दिनों कांकेर के व्यापारियों के बीच बना हुआ है। इस चुनाव में दो पैनल ने नामांकन दाखिल किया था, जिसमें से एक पैनल अनूप शर्मा का जबकि दूसरा अशोक वालेचा का था, जिसमें अशोक वलेचा पक्ष की तरफ से विरोध जताया गया है। 

अशोक वलेचा के पैनल ने नाम वापस लिया :

अशोक वलेचा के पैनल ने नाम वापसी के अंतिम समय में नाम वापस ले लिया है। पैनल ने आरोप लगाया है कि, चुनाव अधिकारी राजा देवलानी और बलराम आहूजा ने चुनाव में अपने नजदीकी लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए अशोक वालेचा ने कहा है कि, दोनों चुनाव अधिकारी के भतीजे चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों के नामांकन में त्रुटि थी इसलिए ही स्कूटनी के समय किसी प्रत्याशी को बुलाया भी नहीं गया और दोनों के नामांकन पात्र कर दिए गए। 

नामांकन में नहीं हुई थी कोई बड़ी त्रुटि :

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इधर पूरे मामले में चुनाव अधिकारी राजा देवलानी और बलराम आहूजा ने कहा कि, इसी पैनल ने नामांकन में मामूली चीजों को दरकिनार करते हुए प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने देने की गुहार लगाई थी। जिन दो लोगों के नामांकन में त्रुटि की बात कही जा रही है वो सबके सामने दिखाई जा चुकी है, उसमें इतनी बड़ी त्रुटि नहीं थी कि, नामांकन रद्द कर दिया जाए, जिसको लेकर इनका विरोध है। 

झूठे आरोप लगाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश :

चुनाव अधिकारियों ने कहा कि, इस पैनल ने प्रचार भी शुरू कर दिया था और उन्हें अपने हार का एहसास हो गया था। इसलिए चुनाव अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर षड्यंत्र पूर्ण तरीके से नाम वापस लेकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। झूठे आरोपों के कारण ही इस्तीफा देने की बात दोनों चुनाव अधिकारियों ने कही है। वहीँ इस मामले में चुनाव कार्यालय के बाहर गहमागहमी का माहौल भी बन गया।

हार के अंदेशा के कारण नाम वापस लिया – अनूप शर्मा

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दूसरे पैनल से अध्यक्ष के प्रत्याशी अनूप शर्मा ने कहा कि, उनके विपक्षी पैनल को अपनी हार का अंदेशा हो गया था इसलिए पूरा ड्रामा करके चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की गई है, उअर कुछ भी मैटर नहीं है।