रायपुर : सिन्धी समाज की मांग पर कटोरा तालाब का नामकरण “भगवान झूलेलाल” के नाम पर “झूलेलाल सरोवर” किया गया यह प्रशासनिक संवैधानिक तरीके से किया गया, जिसमें सरकार के द्वारा पूर्ण सहमति थी, जिसको लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना जुड़े हुये सौरभ चंद्राकर की पोस्ट पर माहौल गरमा गया है, उस पर भगवान झुलेलाल के नाम से आपत्तिजनक टिप्पणी की गई , जिस पर अपमानजनक कमेन्ट आये थे , जिसको लेकर सिन्धी समाज आक्रोशित हो गया।
सौरभ चंद्राकर के खिलाफ कार्यवाही को लेकर सिन्धी समाज के और भाजपा नेता श्रीचंद सुन्दरानी ने CSP को ज्ञापन सौंपा, जिसको लेकर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई, फिर अभी दो दिन पूर्व सिन्धी समाज के लोगों ने ASP को ज्ञापन सौंपा उसको भी लेकर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई, इसके कारण समाज काफी आक्रोशित हो गया है।
समाज देगा आज एक दिवसीय मौन धरना :
सिन्धी समाज के इष्टदेव भगवान झूलेलाल के विषय में अभद्र टिप्पणी एवं समाज के खिलाफ अपमान जनक बातें फैलाने के विरोध मे सर्व सिन्धी समाज रायपुर द्वारा आज 27 दिसंबर को समाज के लोगों ने “एक दिवसीय मौन धरना” मौन धरना का आयोजन किया है, जो राजेंद्र नगर स्थित कैनाल लिंकिंग रोड, में भगवान श्री झूलेलाल की ( 56 फीट ) मूर्ति के पास किया जाएगा, समय – दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक रहेगा।
अभी तक इन नेताओं के सामजिक विरोध में शामिल होने की कोई खबर नहीं है :
सिन्धी समाज के लोगों ने बताया की इस कार्यवाही के लिये सिन्धी समाज से श्रीचंद सुन्दरानी और सचिन मेघानी जैसे ही सामाजिक नेता आगे आये है, लेकिन ललित जैसिंह, अमित चिमनानी , श्याम चावला , अमर पारवानी , अमित जीवन , राधा राजपाल , अजीत कुकरेजा, दीपक कृपलानी , प्रेम बिरनानी, आनंद कुकरेजा, शंकर दानवानी , विनोद छेतिजा, अकादमी के नव निर्मित अध्यक्ष राम गिडलानी, भावना कुकरेजा महिला विंग अध्यक्ष, जैसे नेता अभी तक इस आन्दोलन से दूरी बनाये हुये है। जबकि आसपास के क्षेत्रों के सिन्धी समाज के प्रतिनिधि लगातार सक्रिय रहे है, और इस मौन आन्दोलन के लिये अपने क्षेत्रों से रायपुर पहुँच भी रहे है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेता पहले भी सोशल मिडिया पर कर चूके है गलत बयानी :
जैन साधु-संतों व मुनियों के खिलाफ अभद्र व विवादित टिप्पणी करने के आरोप में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेता अमित बघेल को 31 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था। वे हसदेव अरण्य मामले में प्रदर्शन करने सरगुजा गए थे। बालोद जिले की पुलिस ने उन्हें वहीं से गिरफ्तार किया । छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की थी। हाल में उन्हें रिहा किया गया है।