भोपाल (म.प्र.) : नक्सलियों के पूर्ण सफाये को लेकर अमित शाह और छत्तीसगढ़ सरकार ने कमर कस ली है, लेकिन अब यह समस्या मध्यप्रदेश में खड़ी होना शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ में सख्ती के बाद अब नक्सली मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। खुफिया विभाग से मिले इनपुट के बाद मोहन यादव सरकार ने केंद्र से सीआरपीएफ की दो बटालियन मांगी है। मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जिले में इनकी तैनाती होगी, नक्सली अपना ठिकाना यहीं बनाने लगे है।
मोहन यादव सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में CRPF जवान तैनात करने के साथ बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में 220 नई सड़कों के निर्माण की भी मांग रखी है। ताकि, क्षेत्र में होने वाली नक्सल गतिविधियों और उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। वहीँ नक्सली अपनी सक्रियता यहाँ बढ़ा रहे है।
नक्सली बना रहे नया कैडर :
खुफिया विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट और डिंडौरी जिलों में नक्सलियों का नया कैडर तैयार हो रहा है। नक्सली यहां दलम-2 के नाम से नया कैडर तैयार कर रहे हैं, जिससे मोहन यादव की सरकार के लिये मुश्किलें खड़ी हो रही है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एक सैन्य इकाई है। इसकी हर बटालियन में 1,000 जवान होते हैं। यह कंपनियों को अलग-अलग ऑपरेशन के लिए तैनात किया जाता है। देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और आतंकवाद नियंत्रण की जिम्मेदारी CRPF के पास रहती है। वर्तमान में CRPF की बटालियन सुकमा-कोंटा छत्तीसगढ़ में भी तैनात है।
क्या है नक्सलवाद? MP-CG में असर :
महामृत्युंजय मन्त्र, इसकी उत्पत्ति की कथा और महत्व के साथ , पूर्ण सुनना आवश्यक है: https://www.youtube.com/watch?v=L0RW9wbV1fA
मध्य प्रदेश में बालाघाट, डिंडौरी और मंडला सहित कुछ जिले इससे प्रभावित रहे हैं। दिग्विजय सरकार में गृहमंत्री रहे लिखीराम कांवरे की हत्या में नक्सलियों का हाथ माना जा रहा है। नक्सलवाद की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव से हुई है। यह एक तरह से वामपंथी उग्रवाद का विस्तार है। जो धीरे-धीरे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलांगना सहित 11 राज्यों में फैला है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर सहित कई जिलों में यह बड़ी समस्या है। सरकार कुछ दिन से ऑपरेशन चला रही है। जिसमें बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए। कईयों ने आत्मसमर्पण भी किया है।