मेरठ (उ.प्र.) : क्या कभी कोई सोच सकता है कोई औलाद संपत्ति को लेकर नीचता की हद तक गिर सकती है, वो भी एक सभ्य और संभ्रांत परिवार में? जिन्दगी भर पिता अपनी संतान का भरण – पोषण करता है, वहीँ कहते हैं कि यदि बच्चों को कुछ हो जाए तो मां किसी भी हद तक गुजर जाती है लेकिन संतान के लिए माता-पिता की जान नहीं बल्कि उनकी दाैलत ही सबकुछ होती है। ऐसा ही एक वाकया मेरठ में सामने आया है। मामला है मेरठ में संपत्ति के विवाद को लेकर दो सगे भाइयों में रजिस्ट्री कार्यालय में बहस होते – होते मारपीट हो गई। इस दाैरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। दरअसल यहां एक युवक अपनी बीमार मां को अस्पताल ले जाने के बजाय पहले रजिस्ट्री कार्यालय लेकर पहुंचा, क्योंकि उसे करोड़ों का मकान अपने नाम करवाना था, इधर माँ बीमार तड़प रही थी, लेकिन नालायक उसे रजिस्ट्री कार्यालय लेकर पहुंचा।
हंगामा होने पर रुक गई रजिस्ट्री :
मामले में जानकारी सामने आई है कि रजिस्ट्री कार्यालय पर एक युवक अपनी मां को एंबुलेंस में लेकर पहुंचा था। दूसरा भाई भी पीछे से पहुंच गया और यहां पहुंचकर हंगामा कर दिया। वहीं हंगामा होने पर रजिस्ट्री रुक गई। पुलिस ने माैके पर पहुंचकर बुजुर्ग महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया। ब्रह्मपुरी के इंदिरा नगर निवासी चंद्रप्रभा (74) के दो बेटे संजीव और राजीव हैं। चंद्रप्रभा ने 280 गज का प्लाट राजीव के बेटे यानी पोते के नाम कर दिया था। अब संजीव अपनी मां चंद्रप्रभा के नाम के प्लाॅट को अपने नाम करना चाहता था जिसके लिए वह अपनी बीमार मां को लेकर अस्पताल ले जाने से पहले रजिस्ट्री कार्यालय लेकर पहुंच गया। इसकी जानकारी लगने पर चंद्रप्रभा का दूसरा बेटा राजीव भी अपनी पत्नी के साथ वहां पहुंच गया। दोनों भाइयों के विवाद में काफी हंगामा हो गया। मारपीट भी हो गई, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को एंबुलेंस से अस्पताल भर्ती कराया गया।
सामने आई ये जानकारी :
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दोनों ही परिवार विवाद के बाद वहां से चले गए। ऐसे में छोटे बेटे द्वारा उठाया गया कदम मेरठ में चर्चा का विषय बना हुआ है। ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर के रहने वाले अशोक गर्ग के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा राजीव गर्ग सीए है। छोटा बेटा संजीव गर्ग बिजनेस करता है। पिता अशोक गर्ग की बीमारी के चलते पहले ही मृत्यु हो चुकी है। उनके निधन के बाद सभी प्रॉपर्टी उनकी पत्नी चंद्रप्रभा के नाम ट्रांसफर हो गई थी। अब वह भी काफी समय से बीमारी के कारण बेड रेस्ट पर हैं।. ऐसे में छोटा बेटा मां की सेहत का ध्यान रखने और उन्हें अस्पताल ले जाने की जगह एम्बुलेंस से रजिस्ट्री ऑफिस लेकर पहुंच गया था और संपत्ति अपने नाम करानी चाही। हालांकि, इस दौरान उसकी दोनों बहनें और बड़ा भाई राजीव गर्ग भी मौके पर पहुंच गए।