स्वास्थ्य : स्वस्थ रहना जितना जरुरी है उतना जरुरी है बीमार होने से बचना, ऐसे में बीमार होने से बचने का एकमात्र तरीका है परहेज करना और अपने खान-पान में जरुरी चीजों को शामिल करना। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ अपने शरीर की देखभाल करना काफी जरुरी और महत्वपूर्ण है, खास हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को लेकर, ऐसे में हम आपको बताते है एक बेहतर नुस्खा। मेथी सेहत के लिएअच्छी मानी जाती है। सदियों से इसका इस्तेमाल, आयुर्वेद में किया जाता रहा है। मेथी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, मैंगनीज, विटामिन सी, फैटी एसिड के साथ एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस के साथ-साथ डायबिटिज, कोलेस्ट्राल, ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों में कारगर है। आपकी रसोई ही आपका दवाखाना है, ऐसे में सर्दियों में आप इसका इस्तेमाल लड्डू के रूप में भी कर सकते हैं। मेथी का लड्डू खाने से ओर्थोराइटिस के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा मिल जाता है। तो चलिए जानते हैं कैसे बनाएं मेथी का लड्डू?
मेथी के लड्डू बनाने के लिए सामग्री :
100 ग्राम मेथी, 100 ग्राम गुड़ , 2 कटोरी घी, 1 कटोरी बेसन, बारीके कटे हुए थोड़े ड्राई फूड्स (बादाम, काजू, पिस्ता), एक चौथाई कटोरी गोंद, आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर, थोड़ा सा शीलाजीत, थोड़ा सा सुरंजान (सुरंजान कोल्चिकम ल्यूटियम बेकर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक लिली का पौधा है जिसके फूल पीले रंग के होते हैं, जड़ीबूटी की दुकान में मिल जायेगा)
ऐसे बनाएं मेथी के लड्डू :
- पहला स्टेप : सबसे पहले गोंद को फ्राई करेंगे। इसके लिए घी डालकर गर्म हो जाने पर इसे फ्राई कर लें। इसके बाद इसे निकाल लेंगे। इसे मिक्सर में डालकर या फिर बेलन की मदद से दरदरा पाीस लें। इसके बाद कढ़ाई में घी गर्म करके बारीक की हुई मेथी को अच्छी तरह से फ्राई कर लें। अगर आपको मेथी के दानों का कड़वापन कम करना चाहते हैं तो इसके लिए थोड़ी देर मेथी को दूध में भिगोकर रख दें। इसके बाद इन्हें धूप में फैला दें। सुखने के बाद इन्हें पीस ले।
- दूसरा स्टेप: इसके बाद इसमें बेसन डालकर अच्छी तरह से भून लें। जब बेसन से सोंधी खुशबू आने लगे तो इसमें शीलाजीत, सुरंजान और अश्वगंधा डालकर फिर से कुछ देर फ्राई करें। फिर इसमें गोंद और ड्राई फूड्स डालकर कुछ देर फ्राई करें।
- तीसरा स्टेप: दूसरी ओर गुड़ में थोड़ा सा पानी डालकर चाशनी बना लें। अब, इसे मेथी पाउडर वाले मिश्रण में डाल दें और अइच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद गैस बंद कर दें। जब मिश्रण हल्का ठंडा हो जाएं तो हाथों से अच्छी तरह से मिलाकर मनचाहे आकार में लड्डू बना लें।
इसके बाद बनाये हुये लड्डुओं को सुबह शाम दो बार खायें, इससे आपको ओर्थोराइटिस में बड़ा आराम मिलेगा।
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ओर्थोराइटिस कई वजहों से हो सकता है :
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों की उपास्थि कमज़ोर हो जाती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है।
- रक्त में यूरिक एसिड का स्तर ज़्यादा होने पर गाउट हो सकता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से जोड़ों को नुकसान पहुंचकर गठिया हो सकता है।
- वायरल संक्रमण, जैसे कोविड-19, से वायरल गठिया हो सकता है।
- बैक्टीरिया, वायरस, या कवक से जोड़ों में संक्रमण हो सकता है।
- चोट लगने से जोड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
- ज़्यादा वज़न होने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे गठिया हो सकता है।
- कुछ कामों में बार-बार हरकतें करनी पड़ती हैं या भारी सामान उठाना पड़ता है, जिससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है या चोट लग सकती है।
- अनुचित आहार, जैसे ज़्यादा मांस, मछली, मसालेदार भोजन, शराब, और फ़्रूक्टोज़ युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से गठिया हो सकता है।
- शरीर में चयापचय में खराबी होने से गठिया हो सकता है।
- विटामिन सी, विटामिन डी, और कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दिक्कत होती है।