नक्सलियों ने ग्रामीणों के लिये जारी किया फरमान, जंगल और पहाड़ों पर ना जायें हमने….।

नारायणपुर : नक्सलियों पर केंद्र की बड़ी कार्यवाही ने नक्सलियों के नाक में दम कर रखा है, उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है क्या करें? वहीँ अब जल, जंगल और जमीन की लड़ाई के बीच बस्तर के बीहड़ों से पहली बार नक्सलियों ने ग्रामीणों को आगाह किया है कि उन्होंने जंगल-पहाड़ों में सैकड़ों बम लगा रखे हैं, इसलिए वहां जाने से बचें। इस सकुर्लर में कहा गया है कि, ऑपरेशन कगार के नाम पर बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में शामिल फोर्स के जवानों के लिए जमीन के अंदर सैकड़ों बम लगा कर रखा है, जिससे बचना हैं तो कोई पहाड़ियों और जंगलों का सैर न करें। आपको बता दें की इस तरह नक्सली अपने बचने की कोशिश में लगे हुये है।

नारायणपुर जिले में सक्रिय पूर्व बस्तर डिविजन कमेटी के प्रवक्ता जानकु सलाम ने बयान जारी कर आम जनता से पहाड़ियों और जंगलों से दूरी बनाने का फरमान जारी किया हैं। नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीणों की मौत के बाद नक्सली संगठन से बयान जारी कर आदिवासियों को जंगल जाने से रोका जा रहा हैं। जिसके आड़ ग्रामीणों के लिये मुश्किल खड़ी हो गई है।

जानकार सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों के द्वारा अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में बकायदा मुनादी भी कराई जा रही है। गांव गांव में ग्रामीणों को दो टूक नक्सलियों के द्वारा कहा जा रहा हैं कि पहाड़ियों और जंगलों में घूमना बंद करो, वहां सैकड़ों बम लगा रखा हैं। पहाड़ों और जंगलों में आम जनता को नहीं जाने की अपील करते हुए नक्सली संगठन की ओर से कहा जा रहा कि हिदायत देने के बाद भी जंगल और पहाड़ियों में कोई जाते हैं और कुछ घटना होती हैं तो नक्सली संगठन किसी की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। 15 दिसंबर को दंतेवाड़ा जिले में आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीण की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए नक्सलियों ने मृतक के परिवार और आम जनता से माफी भी मांगी है। ऐसे में ग्रामीणों के लिये यह मुश्किल पैदा करने वाला मामला है।

धमाकों में कई हुए अपाहिज, कई की मौत :

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बस्तर के जंगलों और फोर्स के आमदरफ्त वाले रास्तों पर जवानों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने हजारों आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगा रखी है। इस आईईडी की चपेट में जवान तो आते ही हैं लेकिन कई बार इनकी चपेट में आम ग्रामीण और बेजुबान जानवर भी आ जाते हैं। विस्फोट की चपेट में आकर कई ग्रामीण दिव्यांग हो चुके हैं और कई ने अपनी जान भी गंवाई है। मीडिया की ख़बरों के मुताबिक इस साल बस्तर के अलग-अलग क्षेत्रों में 45 विस्फोट की घटनाएं हुई हैं जबकि वर्ष 2023 में 47 विस्फोट की घटनाएं हुई थी। पिछले पांच सालों में करीब 250 से ज्यादा विस्फोट की घटनाएं हो चुकी हैं। वहीँ कई नक्सली अब हथियार छोड़ चुके है, इनकी घटनाओं में अब काफी कमी आ चुकी है।