आपके खाते में भी आ सकता है ठगी का पैसा, फिर हो जायेगी ऐसी मुसीबत, जान लें ये जरुरी जानकारी….।

रायपुर : राजधानी में एक व्यक्ति की गलती को भुगत रहे हैं 100 लोग। साईबर ठगी के मामलों में अब ऐसा ही हो रहा है। साइबर ठग पुलिस को चकमा देने के लिए ऑनलाइन ठगी का पैसा सैकड़ों बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं। इस दौरान अंजान लोगों के बैंक खातों में भी पैसा डाल रहे हैं और ऑनलाइन खरीदारी करके भुगतान भी कर रहे हैं। ये इस तरीके से हो रहा है कि लोगों को समझ में नहीं आ रहा है, जबरदस्ती वो लोग अंजाने में ही मुसीबत में फंस रहे है।

ऐसी घटनाओं में जांच के दौरान सामने आया है कि नेशनल पोर्टल के जरिए पुलिस इन बैंक खातों को भी होल्ड कर देती है। इसमें वे बैंक खाते भी होते हैं, जिनका साईबर ठगों से कोई लेना – देना नहीं होता है। इससे इन बैंक खातों से किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं हो पाता है। खाताधारक इन बैंक खातों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। जरूरी लेन-देन भी नहीं हो पाते हैं। उन बैंक खातों से जुड़े फोनपे, पेटीएम जैसी सेवाओं का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं। इन खातों की सेवाओं को रोक दिया जाता है।

मजबूरी में उन्हें दूसरा बैंक खाता खुलवाना पड़ रहा है। कई पीड़ितों के बैंक खातों में तो उनके लाखों रुपए तक हैं। होल्ड के चलते वे अपने ही पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा वे लोग परेशान होते हैं, जिनसे साईबर ठग ऑनलाइन सर्विस या खरीदी-बिक्री किए रहते हैँ। ऐसे मामलों में दूसरे राज्य से होल्ड लगने के कारण स्थानीय पुलिस भी ज्यादा मदद नहीं कर पा रही है। रायपुर में ही 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिससे लोग बड़ी मुसीबत में फंस गये है।

दूसरे राज्यों से लग रहा होल्ड :

इस तरह के अधिकांश होल्ड कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान पुलिस ज्यादा लगा रही है। होल्ड बैंक खातों को दोबारा चालू कराने के लिए पीड़ित रायपुर पुलिस से संपर्क करते हैं, लेकिन साइबर ठगी का मामला उन्हीं राज्यों में दर्ज होता है। इस कारण यहां की पुलिस भी कोई मदद नहीं कर पा रही है, इससे पीड़ित को अन्य राज्यों के भी चक्कर लगाने पड़ते है। इस मामले में पीड़ितों को संबंधित राज्य और शहरों की पुलिस के पास ही जाना पड़ रहा है। पीड़ितों का कहना है कि वे साईबर ठगों को जानते तक नहीं है और न ही उनका किसी तरह से संपर्क है। इसके बावजूद उनके बैंक खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर होने के नाम पर बैंक खाता होल्ड कर दिया जा रहा है, जो कि बिल्कुल गलत है।

केस-1 :

रायपुर के एक कारोबारी के चालू बैंक खाता में ऑनलाइन ठगी का 20 हजार रुपए किसी ने ट्रांसफर कर दिया था। इस मामले की जांच कर रही गुजरात पुलिस ने उनके बैंक खाते को होल्ड कर दिया। खाता होल्ड होने से उनका कामकाज प्रभावित है। बैंक में जमा पाने पैसे का ही वो उपयोग नहीं कर पा रहे है, अब वे गुजरात पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। बैंक वाले कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।

केस-2 :

महासमुंद के एक युवक की पत्नी के नाम से रायपुर में बैंक खाता था। इस खाते में अज्ञात बैंक खाते से 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिया। राजस्थान के जयपुर क्राइम ब्रांच की जांच में खुलासा हुआ कि 50 हजार रुपए साइबर ठगी के हैं। इस कारण जिस बैंक खाते से 50 हजार ट्रांसफर किए गए थे और जिस खाते में आया था, दोनों खातों को होल्ड कर दिया गया है। युवक की पत्नी के खाते से लेन-देन बंद हो गया है। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है, उनको अपनी जरूरत के समय अपने ही पैसे नहीं मिल पा रहे है।

ठगी के एक रुपए से भी मुसीबत :

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साइबर ठगी का एक रुपए भी अगर किसी के बैंक खाते में आ जाता है, तो उसे पुलिस की शिकायत पर बैंक वाले उस खाते को होल्ड कर देते हैं। फिर जब तक उसकी जांच पूरी नहीं होती तब तक बैंक खाता होल्ड करके रखते हैं। ऐसे कई मामले पुलिस के पास आने लगे हैं। इससे पुलिस अफसर भी परेशान हैं। अफसरों का कहना है कि ठगी की जितनी राशि ट्रांसफर होती है, उतनी ही राशि को होल्ड करना चाहिए। पूरे खाते को होल्ड नहीं करना चाहिए। इससे कई लोग परेशान हो रहे है।

रायपुर क्राइम के एएसपी संदीप मित्तल ने कहा की साइबर ठगी करने वाले ठगी की राशि कई बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं। जांच के दौरान कई बैंक खाते होल्ड किए जाते हैं। खाते के बजाय केवल राशि होल्ड होना चाहिए। बैंक खातों पर होल्ड नेशनल पोर्टल के जरिए लग रहा है। इस विषय पर केंद्रीय स्तर पर पहल की आवश्यकता है। ज्यादातर मामले दूसरे राज्यों से जुड़े हैं। जिसके कारण मामलों के निपटान में बड़ी दिक्कत आ रही है।