पिता के साथ घुमने जा रहा था 7 साल का मासूम, आया चाईनीज मांझे की चपेट में, हुई दर्दनाक मौत।

रायपुर : चाईनीज मांझा लगातार लोगों की जान ले रहा है, प्रतिबंध के बावजूद यह खुलेआम बिक रहा है, इसकी चपेट में आकर कई लोग घायल हो चुके है और कई लोग मौत के आगोश में जा चुके है, ऐसी दर्दनाक घटना राजधानी से भी सामने आई है, खबर है कि रायपुर के पचपेड़ी नाका में रविवार शाम को 5 बजे चाईनीज मांझे की वजह से 7 साल के मासूम की मौत हो गई है। मामले में सामने है कि 7 वर्षीय मासूम पिता के साथ गार्डन घूमने जा रहा था। अचानक एक चाईनीज मांझा उड़कर आया और बच्चे के गले में फंस गया, जिससे बच्चे का गला कट गया और खून बहने लगा। वहां आसपास मौजूद लोगों ने बच्चे को तुरंत नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया। वहां इलाज नहीं हो पाया तो उसे बच्चों के अस्पताल ले गए। लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने भी इलाज करने से मना कर दिया। तब बच्चे को अंबेडकर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान रात 8 बजे उसकी मौत हो गई। मात्र तीन घंटे में ही मासूम की मौत हो गई।

पारिवारिक जानकारी में सामने आया है कि पिरदा के रहने वाले धनेश साहू (35) गाड़ी मैकेनिक हैं। वे संतोषी नगर में किराए के मकान में रहते हैं। कार शो रूम में काम करते हैं। धनेश रोते हुए बताया कि छोटा पुष्कर साहू रविवार शाम गार्डन जाने की जिद की। तब मोपेड पर शाम को कटोरा तालाब गार्डन जाने के लिए निकले थे। संतोषीनगर ब्रिज के नीचे से पचपेड़ी नाका आ रहे थे। तभी ब्रिज के पास एक मांझा उड़कर आया। पुष्कर मोपेड में आगे खड़ा हुआ था। मांझा सीधे उसके गले में फंस गया, जिसके बाद वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 

जैसे ही मोपेड आगे बढ़ी तो मांझा गले में कसता गया। पुष्कर जोर से चीखा, तब पिता ने मोपेड रोकी। देखा तो उसके गले से खून बह रहा था। कपड़ा खून से रंग गया था। पिता ने आगे बताया कि मैंने हड़बड़ा कर मोपेड खड़ी की। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं रोने लगा। आसपास वाले दौड़कर आए। पुष्कर को उठाकर ऑटो में बिठाया और नजदीक के अस्पताल ले गए। वहां इलाज करने से मना कर दिए। तब उसे बैरनबाजार के बच्चों के बड़े अस्पताल ले गए। वहां इलाज के लिए जरूरी संसाधन नहीं होने की बात कही गई।

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तब मैं पुष्कर को उठाकर अंबेडकर अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। ऐसा लग रहा है कि हमारी पूरी जिंदगी ही खत्म हो गई है। इस मामले में पुलिस ने बताया कि टिकरापारा में 7 साल के बच्चे की मौत की सूचना अस्पताल से मिली है। घटना की जांच की जा रही है। पुलिस की टीम घटनास्थल गई थी। वहां से मांझा जब्त किया गया है। शहर के पतंग दुकानों में भी जांच की जायेगी कि प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज मांझा तो बिक नहीं रहा है। आपको बता दें कि चाईनीज मांझे की चपेट में कई लोग आ चुके है, लेकिन यह फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा है।

एक्सप्रेस – वे पर मांझे से महिला वकील जख्मी :

एक अन्य घटना में रविवार शाम पौने छह बजे के करीब चाइनीज मांझे की चपेट में आने से डीडीनगर सेक्टर-4 निवासी पेशे से वकील पुर्णशा कौशिर का गला जख्मी हो गया। महिला वकील एक्सप्रेस-वे के रास्ते रेलवे स्टेशन जा रही थी। इसी दौरान सिटी सेंटर के पास एक्सप्रेस – वे के नीचे कुछ लोग पतंगबाजी कर रहे थे। एक्सप्रेस-वे के ऊपर से पुर्णशा अपनी सुजुकी एक्सेस से गुजर रही थी, तभी मांझा पुर्णशा के गले में फंस गया। उसने बचाव के लिए मांझे को चलती गाड़ी में ही अपने हाथ में पकड़ लिया। हाथ में मांझा उलझने से युवती का अंगूठा बुरी तरह से जख्मी हो गया। मांझे से जख्मी महिला वकील के गले में चार टांके लगे हैं। गनीमत रही की वो दुर्घटना की शिकार नहीं हुई।