रायपुर : ईडी की कार्यवाही से कोयला घोटाले के आरोपियों पर बड़ी गाज गिरी है। ईडी के रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा कोयला घोटाले में जेल भेजे गए कारोबारी सूर्यकांत सहित अन्य लोगों की 49.73 करोड़ रुपए की 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। इसमें बैंक खाते में जमा रकम, नकद राशि, वाहन, ज्वेलरी और प्राॅपर्टी शामिल है। ईडी की जांच के अनुसार, एक निजी व्यक्तियों का समूह, जिसमें राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों का भी सहयोग था, जो कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली कर रहा था। इस वसूली की दर जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच प्रति टन कोयले की ढुलाई पर 25 रुपये थी। इस अवधि के दौरान वसूली गई कुल रकम लगभग 540 करोड़ रुपये थी, जो छत्तीसगढ़ के कोयला ट्रांसपोर्टरों से इकट्ठी की गई। इस तरह के कारनामे ईडी की राडार पर आ चुके है।
चुनाव में खर्च की गई कमिशन की राशि :
ईडी ने अपने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि कोल लेवी से आने वाले रुपये को इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने के लिए किया गया था। साथ ही इसका का कुछ हिस्सा चुनावों में भी खर्च किया गया था। बाकि राशि से चल और अचल संपत्तियों खरीदी गई। इस तरह से यह राशि चुनावों में भी खर्च की गई है। प्रेस नोट में ईडी ने बताया है कि ईडी ने बताया कि लगभग 55.37 करोड़ रुपये की कई चल और अचल संपत्तियां जब्त की हैं।
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ये संपत्ति निलंबित जेल में बंद आइएएस रानू साहू, निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव राज्य प्रशासनिक सेवा आधिकारी सौम्या चौरसिया, तत्कालीन मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के ओएसडी जय प्रकाश मौर्य, कांग्रेस नेता राम गोपाल अग्रवाल, राम प्रताप सिंह, विनोद तिवारी, पूर्व विधायक चंद्र देव प्रसाद राय और भिलाई विधायक देवेंद्र सिंह यादव की है। यह घोटाले कांग्रेस के शासन में हुये थे। वहीँ इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला घोटाले में अब तक 11 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। विशेष अदालत (पीएमएलए) में 26 आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ तीन अभियोजन शिकायतें दायर की गई हैं, जिनका अदालत ने संज्ञान लिया है। ईडी ने आरोपियों की अब तक 270 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इस घोटाले में ईडी की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।