खुद की लगाईं आग में झुलसता पाकिस्तान, जनवरी में 74 से ज्यादा आतंकी हमले, 245 लोगों की हुई मौत।

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : बीते दिनों की खबर है कि अपने यूट्यूबरों को पाकिस्तान की सेना ने अपहृत कर लिया था, जो कल तक भारत क प्रशंसा में विडियो बनाते थे अब उनके सूर बदल गये है, वहीँ मामला है अब पाकिस्तान को बदले में वही सब कुछ मिल रहा है जो उसने अब तक दुनिया को दिया है। अब आतंकवाद का दंश पाकिस्तान के लिए नासूर बनता जा रहा है। पाकिस्तान के की अफगानिस्तान लगे हुई आग अब उसी पर भारी पड़ रही है। वहीँ अंदरूनी हालात भी काफी बिगड़ गये है। साल 2025 में जनवरी महीने की बात करें तो यहां आतंकवादी हमले बढ़े हैं। यह बीते साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर 2024 की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। एक थिंक टैंक ने इस बारे में जानकारी दी है। आतंकवाद ना सिर्फ पाकिस्तान के आर्थिक विकास को प्रभावित कर रहा है बल्कि आम लोगों की जान भी खतरे में है। 

क्या कहते हैं आंकड़े :

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए ‘डॉन’ अखबार ने बताया कि देश भर में कम से कम 74 आतंकवादी हमलों में 91 लोगों की मौतें हुईं है, जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 20 नागरिक और 36 आतंकवादी शामिल हैं। वहीं, 117 घायलों की सूची में सुरक्षा बल के 53 जवान, 54 नागरिक और 10 आतंकवादी शामिल हैं। खबर में यह कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में जनवरी में 185 आतंकवादियों को मार गिराया। इसके साथ ही जनवरी, आतंकवादियों के मारे जाने के मामले में दूसरा सबसे घातक महीना बन गया है। वर्ष 2016 के बाद से, एक महीने में मारे गए आतंकवादियों की सबसे अधिक संख्या दिसंबर 2024 में रही थी, जब सुरक्षा बलों ने 190 आतंकवादियों को मार गिराया था। जनवरी में आतंकवादी हमलों और सुरक्षा बलों के अभियानों में कुल 245 लोगों की मौत हुई, जिनमें 185 आतंकवादी, 40 सुरक्षा कर्मी और 20 नागरिक शामिल थे।  इस तरह से अंदरूनी हालात तो ख़राब ही है, वहीँ तालिबानी लड़ाकों ने भी पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है।

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे अधिक प्रभावित :

महामृत्युंजय मन्त्र उत्पत्ति की कथा और महत्व के साथ : https://www.youtube.com/watch?v=L0RW9wbV1fA

खैबर पख्तूनख्वा सबसे अधिक प्रभावित प्रांत रहा, उसके बाद बलूचिस्तान का स्थान है। जनवरी में दो आत्मघाती बम विस्फोट भी हुए, दोनों ही बलूचिस्तान में हुए। प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक की जिम्मेदारी ली, जबकि प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दूसरे हमले की जिम्मेदारी ली। इसके अलावा, रिपोर्ट में अपहरण की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी गई। आतंकवादियों ने कम से कम 37 व्यक्तियों का अपहरण कर लिया है POK के हालात तो बद से बदतर हो चुके है, जैसे वह हिस्सा पाकिस्तान का है ही नही।