बिलासपुर : राज्य में निगम चुनाव को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है, ऐसे में अपने विरोधियों को हर तरह पटखनी देने के प्रयास में भी पार्टियाँ जुट गई है, जहाँ कुछ कारणों से कांग्रेस के कई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पा रहे है तो वहीँ अब, नगर निगम बिलासपुर से भारतीय जनता पार्टी के महापौर पद की उम्मीदवार एल पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी की ओबीसी जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बहुजन समाज पार्टी के महापौर पद के प्रत्याशी अकाश मौर्य ने हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन किया है। हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने आवेदन को पंजीकृत कर लिया है। इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ने लगी है।
इस मामले को लेकर अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से पेश याचिका में कहा गया है कि भाजपा महापौर एल पदमजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज आर ओ द्बारा नहीं दिए जाने के खिलाफ बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने याचिका लगाई है। इस मामले में जल्द सुनवाई का केस फाइल करते हुए दस्तावेजों की मांग भी की गई है। जल्द सुनवाई में लगने के कारण मामले की सुनवाई भी जल्द हो सकती है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके द्बारा भाजपा की महापौर की प्रत्याशी एल पदमजा विधानी के दस्तावेज आर ओ से मांगे गए है। लेकिन उसको दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है, इसलिए याचिका प्रस्तुत की गई है।
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बता दें कि पूजा विधानी को भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने और नामांकन दाखिल होने के बाद से जाति प्रमाण पत्र पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। वहीं अब कांग्रेस ने इस मामले में उनके जाति प्रमाण पत्र को आंध्रप्रदेश का बताते हुए छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं होने की बात कही थी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति की गई थी। निर्वाचन आयोग ने आपत्ति को निरस्त किया है। वहीं भाजपा की महापौर की प्रत्याशी ने अपने ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र को 1995 में बनना बताया है और नियम से बनना बताया गया है। ऐसे में चुनाव के बाद भी उनका जाति प्रमाण पत्र के मुद्दा के समाप्त होने की संभावना कम है। वही अब इसकी वैधता को लेकर सुनवाई भी हो सकती है।