मुस्लिम माँ का बच्चा पहुंचा हिन्दू माँ के पास, अब हिन्दू माँ साधना लौटाने से कर रही है इंकार, अब शबाना कुरैशी की बिगड़ रही तबियत।

दुर्ग/भिलाई : बच्चों के बदलने से अब मामला बड़े बवाल में तब्दील होता दिख रहा है, जहाँ साधना दूसरे बच्चे से लगाव की बात कहकर लौटाने से इंकार कर रही है, तो वहीँ शबाना उसके बच्चे का ख्याल भी कर रही है और अपने बच्चे को लेकर काफी परेशान भी है। जिला अस्पताल की लापरवाही के कारण नवजात बच्चों को लेकर दो परिवार बड़ी उलझन में फंस गए हैं। यह मामला एक ही दिन पैदा होने वाले दोनों बच्चों के कथित अदला बदली का है। हिंदू दंपत्ति का बच्चा मुस्लिम परिवार को चला गया है और मुस्लिम दम्पत्ति का बच्चा हिंदू परिवार को सौंप दिया गया है।

अब जब इसका खुलासा एक सप्ताह बाद हुआ है तो अस्पताल में हड़कंप मच गया है, अब इसमें किसके उपर दोष लगता है, यह आगे देखा जायेगा, लेकिन एक माँ बड़ी मुश्किल में फंस गई है। अब एक परिवार अपना बच्चा मांग रहा है तो दूसरा परिवार बच्चा देने से इंकार कर रहा है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 23 जनवरी को दुर्ग निवासी शबाना कुरैशी पति अल्ताफ कुरैशी और भिलाई निवासी साधना सिंह पति शैलेंद्र सिंह की डिलीवरी हुई थी। दोनों दम्पत्तियों का बेटा पैदा हुआ था। एक बच्चे का जन्म दोपहर 1.25 बजे और दूसरे बच्चे का जन्म 9 मिनट बाद 1.34 बजे हुआ।

पहचान के लिए दोनों बच्चों के हाथ में उनकी मां के नाम का टैग पहनाया गया था। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद उनकी माताओं के साथ फोटो भी ली गई थी। इसके बाद नर्स ने बच्चों को उनकी माताओं को सौंप दिया था। बच्चों को माताओं को सौंपते समय चूक हो गई थी, इसका खुलासा एक सप्ताह के बाद हुआ है।

अब जिला अस्पताल दुर्ग में बच्चों की अदला बदली के विवाद में नया मोड़ सामने आ गया है। शबाना कुरैशी के परिजन आज अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे थे, बच्चे को जन्म देने वाली महिला शबाना कुरैशी के परिजनों का कहना था कि उनको उनका बच्चा दे दिया जाए। शबाना का कहना था कि वो बच्चे के साथ अस्पताल में एडमिट रहेगी जब तक उनको उनका बच्चा नहीं मिल जाता है। शबाना कुरैशी के परिजन बच्चों की अदला बदली के केस में दोषियों पर कार्यवाही की भी मांग कर रहे हैं, जिसकी गाज लापरवाह नर्स पर गिर सकती है।

बच्चे की अदला बदली पर हंगामा :

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शबाना कुरैशी का कहना है कि उसके पास जो बच्चा है वो साधना का है, जबकी उनका बच्चा साधना के पास है जिसे हासिल करने के लिए वो लोग यहां आए हैं। अस्पताल प्रबंधन लगातार इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है पर ये विवाद और गहराता जा रहा है। सोमवार को शबाना कुरैशी की ओर से कहा गया था कि वो बच्चे की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट को भी तैयार हैं। खुद दुर्ग कलेक्टर ने भी कहा था कि अगर विवाद नहीं सुलझा तो वो डीएनए टेस्ट के लिए परिजनों से बात करेंगे। जिसको लेकर अभी तक कुछ मामला आगे नहीं बढ़ पाया है।

मेरे पास जो बच्चा है वो साधना का बच्चा है। मेरा जो बच्चा है वो साधना के पास चला गया है। ये पूरी लापरवाही अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की वजह से हुआ है। जबतक मुझे मेरा बच्चा नहीं मिल जाता तब तक मैं बच्चे की देखभाल के लिए यहां पर एडमिट रहूंगी। प्रशासन जल्द से जल्द मेरा बच्चा मुझे लौटाए : शबाना कुरैशी

हम बच्चे को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारी मदद करे। साधना के पास जो हमारा बच्चा है वो हमें सौंपा जाए। साधना का बच्चा हमारे पास है। हमारी बेटी उसका पूरा ध्यान रख रही है। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है : शबाना के चाचा

क्या है पूरा विवाद :

23 जनवरी को जिला अस्पताल दुर्ग में दो बच्चों का जन्म हुआ था। दोनों के जन्म में चंद समय का ही अंतर रहा, एक बच्चे को जन्म देने वाली मां का नाम शबाना कुरैशी है जबकी दूसरी महिला का नाम साधना है। जन्म के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने दोनों गलत बच्चा सौंप दिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब दोनों महिलाएं अपने अपने बच्चे को लेकर घर चली गईं।शबाना ने घर पहुंचकर देखा कि उनके बच्चे के हाथ में जो बैंड लगा है उस पर साधना लिखा हुआ है, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में लिये हुये फोटो से मिलान किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

साधना की दलील :

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साधना नाम की महिला का कहना है कि उसने दस दिनों तक बच्चे की देखभाल की है। बच्चा कैसे दूसरे को दे सकते हैं। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अब दोनों परिवार बच्चे के लिए परेशान है। अस्पताल प्रबंधन और जिला अस्पताल दुर्ग लगातार ये कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द विवाद खत्म हो।

शबाना की बिगड़ी तबीयत :

बच्चे को हासिल करने के तनाव में अस्पताल पहुंची शबाना की तबीयत बिगड़ गई है। शबाना का कहना है कि जब तक उसका बच्चा नहीं मिलता तबतक वो यहां बच्चे के साथ रहेगी और उसकी भी देखभाल करेगी। शबाना के परिवार वालों का कहना है कि बच्चे के लिए शबाना परेशान है और उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। वहीँ इस मामले में सबसे ज्यादा दुखी और परेशान शबाना है। अब यह मामला कैसे और कब सुलझेगा? ये सवाल खड़ा हो गया है।