रायपुर : शराब घोटाले में फंसे हुये पूर्व आबकारी मंत्री की जमानत याचिका मंजूर नहीं हुई है प्रदेश में हुई है। 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा को तगड़ा झटका लगा है। न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद कवासी लखमा की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई थी। जिसमें कोर्ट ने लखमा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं कोर्ट ने लखमा को 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। शराब घोटाले केस में कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड को 18 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
मंगलवार को न्यायिक रिमांड की अवधि पूरी होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी के स्पेशल कोर्ट में सुुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। इसे देखते हुए 14 दिन की न्यायिक रिमांड को बढ़ाने का अनुरोध किया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर रिमांड आदेश जारी किया है। आबकारी घोटाले में दर्ज केस के आरोपियों में निरंजन दास जो तत्कालीन आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़ थे, अरुण पति त्रिपाठी विशेष सचिव आबकारी, पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर का भाई अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा सचिव इंडस्ट्रीज छत्तीसगढ़ और पीएचएसएफ कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का भी नाम शामिल था। ये सभी जेल की हवा खा रहे। अन्य आरोपी भी कार्यवाही की जद में है।
दो आरोपियों ने लिया था लखमा का नाम :
पूछताछ में आरोपी अरविंद सिंह ने ED को बताया था कि, कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपए दिए जाते थे। आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुण पति त्रिपाठी ने भी अपने बताया था कि, 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपए उन्हें अलग से दिए जाते थे। इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ जा रहे थे। अब उसी मामले को लेकर लखमापर कार्यवाही गाज गिरी है।