रायपुर : राज्य में कई घोटालों को लेकर कार्यवाहियां जारी है, रोज किसी ना किसी घोटाले को लेकर चर्चायें बनी रहती है, वहीँ अब छत्तीसगढ़ के रायपुर में सीजीएमएससी में हुए 650 करोड़ रुपये से ज्यादा के CGMSC घोटाले में मुंबई और अमृतसर के दवा कारोबारी राजेश गुप्ता, नीरज गुप्ता और अभिषेक कौशल की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया गया है। तीनों ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए इस घोटाले में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होने का हवाला दिया था।
साथ ही ईओडब्ल्यू की एफआईआर में स्वयं के नाम का उल्लेख नहीं होने की दलील देते हुए अग्रिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था। अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए विशेष न्यायाधीश की बताया कि सीजीएमएसी घोटाले को सिंडीकेट बनाकर अंजाम दिया गया है। इस खेल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर तीनों दवा कारोबारियों ने निविदा हासिल की। निर्धारित दर से कई गुना अधिक दर पर लेनदेन कर निविदा हासिल की गई थी। इसे पास कराने में अधिकारियों की मिली भगत के इनपुट मिले हैं। इसे देखते हुए तीनों की जमानत को खारिज करने का अनुरोध किया था। इस घोटाले में बिना जरूरत के दवाइयां खरीदी गई थी।
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विशेष न्यायाधीश ने बचाव और अभियोजन पक्ष का तर्क सुनने के बाद अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया। बता दें कि इस घोटाले में दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। वहीं, आधा दर्जन लोगों को समंस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इसमें तीन आईएएस अधिकारी भी शामिल है। वहीँ मामले की जाँच में अन्य कई और भी फंस सकते है। सभी मामलों में कार्यवाही लगातार चल रही है।