विक्की कौशल की फिल्म “छावा” ने निकाले हर हिन्दू के आंसू, मराठाओं के महान शौर्य की गाथा, धूम मचा रही है, फिल्म।

मुंबई (महाराष्ट्र) : बॉलीवुड स्टार विक्की कौशल एक बार फिर अपनी अदाकारी को लेकर चर्चा में हैं। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म “छावा” सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है और बॉक्स ऑफिस पर शानदार शुरुआत कर चुकी है। फिल्म में विक्की ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे, संभाजी महाराज की भूमिका निभाई है और अपने किरदार से सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। लक्ष्मण उटेकर द्वारा निर्देशित छावा की बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत भी बेहद धमाकेदार रही। फिल्म के फर्स्ट डे कलेक्शन से पता चलता है कि विक्की कौशल की फिल्म 2025 की हिट फिल्मों में से एक बनने के लिए तैयार है। अगर किसी कहानी को बेहतर तरीके से फ़िल्मी परदे पर उतारा जाये तो उसका बेहतर प्रभाव पड़ता है, बस ऐसा ही कुछ इस फिल्म के साथ हुआ है। फिल्म देखकर बाहर निकलने वाले दर्शक लगातार रो रहे है। उनका कहना है कि हमें ऐसा महान इतिहास क्यूँ नहीं पढ़ाया गया?

छावा का पहले दिन का कलेक्शन :

छावा साल 2025 की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक थी, जो रिलीज होते ही हर तरफ छा गई है। फिल्म को क्रिटिक्स से और दर्शकों से शानदार रिव्यू मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर विक्की कौशल की जबरदस्त परफॉर्मेंस की तारीफ हो रही है। छावा को लेकर दर्शकों में किस कदर क्रेज था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले ही दिन विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना स्टारर छावा ने बॉक्स ऑफिस पर 31 करोड़ का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही ये बात भी साफ हो गई है कि छावा ने इस साल यानी 2025 में रिलीज हुई सभी फिल्मों के कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है। 2025 में रिलीज हुई किसी भी फिल्म ने अब तक ओपनिंग डे पर इतना जबरदस्त कलेक्शन नहीं किया है। ओपनिंग डे पर 32.51 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ छावा ने स्काई फोर्स और बैडएस रवि कुमार जैसी फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है।

जब एक छिपकली भी वीरगति को प्राप्त हुई, प्रेरणादायक महान इतिहास (साभार सोशल मीडिया)

छत्रपति संभाजी फिल्म की चर्चा होने के बाद मेरे मन में मराठा इतिहास की ये घटना कौंध गई । छत्रपति संभाजी महाराज की देशभक्ति और हिंदू भक्ति इतनी ज्यादा थी कि औरंगजेब उनके नाखून उखाड़ने, अंगुलियां काटने, घावों पर नमन छिड़कने, त्वचा छीलने, जीभ काटने, हाथ काटने और आंखें निकलवाने के बाद भी इस्लाम कबूल नहीं करवा सके । आखिर वीर संभाजी का सिर भी कट गया । आज ये सब लोग रुपहले पर्दे पर देखकर आंसू बहा रहे हैं, सिनेमा हाल  में लोग भावुक हो रहे हैं । छत्रपति के जयकारों से देश गूंज रहा है । शायद इसीलिए विद्वानों ने राष्ट्र के अंदर भी एक महाराष्ट्र को स्वीकार किया ।

ये महाराष्ट्र है ये मराठा है जहां कि धरती पर जन्म लेने वाली एक छिपकली भी हिंदू हित के कार्य करते हुए अपने स्वामी के लिए प्राणों का उत्सर्ग कर वीरगति को प्राप्त होती है ।

भक्ति संगीत के लिये सब्सक्राईब करें हमारा यूट्यूब चैनल :  https://www.youtube.com/@MachisFilmBhakti

आज से 800 साल पहले के भारत का वर्णन करते हुए अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी शायर अमीर खुसरो ने अपनी रचनाओं में लिखा है कि भारत में स्त्रियां इतनी पतिव्रता होती हैं कि अपने पति के मारे जाने पर सती हो जाती है । भारत में भगवान की भक्ति इतनी होती है कि श्रद्धालु इस्लामी हमलों से मूर्तियों को बचाने के लिए मूर्तियों के साथ कुएं में कूद जाते हैं । भारत में स्वामी भक्ति इतनी है कि यहां के हाथी और घोड़े भी रण में अपने स्वामी के लिए खुशी से प्राणोत्सर्ग करते हैं और यहां का साधारण ब्राह्मण भी सिकंदर के उस्ताद अरस्तू से ज्यादा तेज दिमाग का होता है जो सिर्फ माथे की लकीरें देखकर भूत, भविष्य और वर्तमान बताने की क्षमता रखता है ।

ऐसा महान था हमारा महान भारत राष्ट्र, जिसकी प्रशंसा के पुल हमलावर शायरों ने भी बांधे हैं । फिर महाराष्ट्र की धरती के तो कहने ही क्या ।

ये घटना कोंडाणा के किले के युद्ध की है । जब छत्रपति शिवाजी के आदेश पर ताना जी मालसुरे लड़ाई पर जाते हैं और वो किले पर चढने के लिए यशवंती नामक गोह प्रजाति की एक छिपकली का उपयोग करते हैं । दो बार यशवंती को किले पर फेंका जाता है लेकिन वो चिपकती नहीं है और नीचे गिर जाती है । भाई सूर्या जी और शेलार मामा कहते हैं कि ये अपशकुन है लेकिन तीसरी बार जब कुमकुम तिलक लगातर यशवंती को किले की दीवार पर फेंका जाता है तो वो चिपक जाती है फिर सेना की एक टुकड़ी किले पर चढ़ जाती है । खुद ताना जी भी किले पर चढ़ जाते हैं लेकिन जब वो यशवंती को निकालने की कोशिश करते हैं तो पता चलता है कि यशवंती की मौत हो गई है । यशवंती वीरगति को प्राप्त हो गई । क्योंकि उसने अत्यधिक बोझ सहन किया था । लेकिन फिर भी दीवार नहीं छोड़ी थी । ताना जी ने अपनी प्यारी यशवंती को अंतिम विदाई दी थी।

खास ख़बरों के लिये सब्सक्राईब करें हमारा यूट्यूब चैनल :  https://www.youtube.com/@MachisMediaNews/

तानाजी के साथ यशवंती नाम गोह प्रजाति की छिपकली भी भारत के इतिहास में अमर हो गई। ऐसा महान है हमारा भारतीय इतिहास, जहां पशुओं और जीवों में भी देशभक्ति और स्वामी भक्ति की भावना पैदा की जाती है।