छतरपुर (म.प्र.) : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर 251 कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया था। इस आयोजन में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों से आईं गरीब और जरूरतमंद कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, समाजसेवी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बागेश्वर धाम में चल रहे शिवरात्रि महोत्सव और 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ संत परंपरा और धर्मनिष्ठा की भूमि है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय यहीं बिताया था। हमें गर्व है कि बागेश्वर धाम में इस दिव्य आयोजन में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सरकार पूर्ण रूप से प्रयासरत है है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से यह संकल्प लिया गया है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह उन्मूलन किया जाएगा। प्रदेश के सुरक्षा बल मजबूती से इस अभियान में लगे हुए हैं, और गृह मंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में यह मिशन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के धार्मिक और सांस्कृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए सरकार धर्मांतरण रोकथाम और घर वापसी अभियान को भी प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि धर्मांतरण के विरुद्ध हमारी सरकार कठोर नीति अपनाएगी और समाज को उसकी मूल पहचान से जोड़ेगी। वहीँ राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिये सरकार प्रयासरत है।
गीत संगीत और भजनों के लिये सब्सक्राईब करें हमारा यूट्यूब चैनल : https://www.youtube.com/@MachisFilmProduction/
बागेश्वर धाम द्वारा आयोजित 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। इस आयोजन में वैदिक रीति-रिवाज से कन्याओं का विवाह संपन्न होगा, सभी नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का संपूर्ण सामान प्रदान किया जाएगा। सीएम साय ने कहा कि बागेश्वर धाम का यह आयोजन सनातन धर्म की महिमा को पुनर्स्थापित करने, समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने और गरीब कन्याओं के भविष्य को संवारने का ऐतिहासिक अवसर है। छत्तीसगढ़ सरकार इस आयोजन में भागीदारी कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है और भविष्य में भी ऐसे सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में योगदान देने के लिए संकल्पित है।



