विधवा मां ने पाई-पाई जोड़कर बड़ी ही मुश्किल से 90 हजार की दिलाई बाइक और फिर बेटे ने कर ली ऐसी हरकत….।

खंडवा (म.प्र.) : गरीब से गरीब माता-पिता भी अपनी संतान की परिवरिश में कोई कमी नहीं करते, हमेशा वो अपनी क्षमता से ज्यादा ही करने का प्रयास करते है, लेकिन कई बार ये बात संतान समझ नहीं पाती और अपनी छोटी सी गलती से जीवन भर का दुःख दे देती है, ऐसे ही खंडवा जिले एक दुखद मामला सामने आया है, यहाँ एक मजदूर मां ने पाई-पाई कर रुपये इसलिए जोड़े कि वह इकलौते बेटे की खुशियों को खरीद सके। लेकिन उसी बेटे ने मां को जिंदगीभर का गम दे दिया। घटना कुछ इस तरह हुई कि मां ने पैसे इकट्ठा कर बेटे को 90 हजार की बाइक दिलाई। लेकिन बेटा इस बात से खुश नहीं हुआ, उसे डेढ़ लाख की बाइक पसंद आई थी। इसी बात से दुःखी होकर उसने जहर पी लिया और आत्महत्या कर ली, अब माँ को इतना करने के बाद भी बेटे ने जीवनभर का गम दे दिया।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार पुनासा थानाक्षेत्र के पिपलानी गांव में रहने वाले 19 वर्षीय विष्णु पिता दिनेश ने जहर पी लिया था। तबीयत बिगड़ने पर परिजन ने उसे पुनासा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल भेज दिया। विष्णु की हालत में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया। युवक की मौत से माँ को गहरा झटका पहुंचा है। ऐसे में बेटे की इस हरकत ने माँ को जीवनभर का गम दे दिया, ऐसे में सवाल उठता है माता – पिता क्या करें?

मां से बोला- 1.58 लाख की बाइक पसंद थी, पर तूने 90 हजार की दिलाई :

मृतक विष्णु के मामा बल्लू यादव ने बताया कि विष्णु के परिवार में मां और 16 साल की एक छोटी बहन हैं। पिता का देहांत सालों पहले हो चुका है और विष्णु इकलौता बेटा था। उसकी मां स्कूल में खाना बनाने का काम करती है। वह मां से बाइक की जिद कर रहा था। जिसके बाद पैसे जोड़कर मां ने उसे 90 हजार की बाइक खरीदकर दे दी। लेकिन उसे यह पसंद नहीं आई जिसके बाद विष्णु खेत में पहुंचा और जहर पी लिया। फिर उसने फोन करके कहा कि मां मुझे ये बाइक पसंद नहीं है। मैंने 1 लाख 58 हजार रुपये की बाइक पसंद की थी, वह मुझे दिलानी थी इसलिए मैं जहर खा रहा हूं। इस घटना से माँ सकते है में है और परिजन दुःख में।

मां के जतन से भी नहीं समझा बेटा :

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मां ने बेटे को बहुत कुछ समझाया फोन पर, बेटा कुछ गलत मत करना मैं तुझे दूसरी गाड़ी दिलवा दूंगी, तू स्कूल में आ जा। मां ने उसे समझाया लेकिन वह नहीं माना और जहर खाकर स्कूल में पहुंच गया। जहां से उसकी मां उसे अस्पताल लेकर पहुंची लेकिन मां के जतन से न तो वह खुश हो पाया और न ही उसकी जान बच पाई। ऐसे में सवाल उठता है कि माता – पिता को बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये? बच्चों को ऐसे में बचपन से ही संस्कार देने चाहिये और पैसे मी कीमत समझानी चाहिये। बच्चों से हमेशा दोस्ताना व्यवहार करना चाहिये और उनसे अपने साथ ऐसे जोड़े रखना चाहिये , जैसे उनसे गलती भी हो जाये तो वो अपने माता-पिता को बात सकें।