नागपुर हिंसा में एक और बड़ा खुलासा, पाकिस्तान नहीं इस पड़ोसी देश से रची गई भयानक हिंसा की साजिश….।

 नागपुर (महाराष्ट्र) : नागपुर हिंसा मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। गुरुवार (20 मार्च) को हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन होने का खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पोस्ट पर एक प्रयोगकर्ता ने धमकी दी है। प्रयोगकर्ता ने लिखा-सोमवार (17 मार्च) के दंगे तो सिर्फ एक छोटी घटना थी। भविष्य में और भी बड़े दंगे होंगे। साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्यवाही की है। पुलिस ने अब तक मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान सहित 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीँ दंगों के मामलों में हमेशा यही खुलासा हुआ है कि बाहरी तत्व साजिशन ऐसे काण्ड करके भाग जाते है, इसमें नाममात्र स्थानीय लोग उनसे मिले होते है।

पुलिस की जांच में खुला राज :

वहीँ साइबर सेल की जांच में पता चला है कि अकाउंट संचालित करने वाला व्यक्ति बांग्लादेश का निवासी है। उसने यह संदेश बांग्लादेश से पोस्ट किया है। साइबर सेल ने फेसबुक से संपर्क कर उस अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया है। साइबर सेल ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी असत्यापित जानकारी पर विश्वास न करें और अफवाहों को फैलाने से बचें। वहीँ आपको बता दें कई अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये देश में बैठे है, जिनमें कई लोगों के संपर्क बाहरी देशों के आतंकवादी संगठनों से निकले है। ऐसे में दंगों के प्रमुख सूत्रधार यही लोग हो सकते है?

हिंसा के बाद कर्फ्यू :

नागपुर में हिंसा वाली जगह पर अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है। हिंसाग्रस्त क्षेत्र में सभी दुकानें बंद हैं। रोड बंद किये गये हैं। क्षेत्र में कर्फ्यू से सड़कें सुनसान हैं। महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीँ इस दंगे का मास्टरमाइंड फहीम नाम का युवक निकला है।

जानिए कौन है फहीम :

मास्टरमाइंड फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। फहीम सहित 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया गया है। फ़हीम शमीम ख़ान ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नागपुर से अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। फहीम ने 10वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है। उसके पास मात्र 75,000 रुपए की संपत्ति घोषित की थी। कोई देनदारी या वार्षिक आय दर्ज नहीं की थी। चुनावों में फहीम को मात्र 1,073 वोट मिले थे। वहीँ अब फहीम से गहरी पूछताछ की जा रही है।

जानिए कैसे भड़की हिंसा? :

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विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार(17 मार्च) को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया। पुतले में हरे रंग के कपडे का प्रयोग किया गया था, जिसमें आयतें लिखे होने की अफवाह फैलाई गई, वहीँ दूसरे पक्ष ने कहा कि सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। इसमें एक चादर को भी रखा गया था।वहीँ इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक मुस्लिम समुदाय के लोग चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाने लगे।

हिंसा में 33 पुलिसकर्मी :

देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद, कुछ युवा दूसरे चौक पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। घरों और दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। भयानक और दहशत फ़ैलाने वाले नारे भी लगाये गये, जिससे हिन्दू महिलाओं में काफी डर पनप गया पुलिस पर भी हमला किया। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। तीन DCP रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं।

यहां से शुरू हुआ विवाद :

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महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से विवाद शुरू हुआ। अबू ने 3 मार्च को कहा था कि हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। बयान से शुरू हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों तक सियासी आहट पहुंच गई है। वहीँ इस दंगे के बाद बवाल और बढ़ गया है।