सिन्धी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुये मुख्यमंत्री, सुर्ख़ियों से क्यूँ नदारद रही खबर?

रायपुर : सिन्धी समाज का प्रमुख पर्व है चेट्रीचंड्र महोत्सव, जिसे सिन्धी समाज बड़े ही धूमधाम से मनाता है और इस वर्ष चेट्रीचंड्र महोत्सव की काफी धूम रही, इस बार राजधानी में चेट्रीचंड्र महोत्सव की शोभायात्रा लगभग 3 किलोमीटर लम्बी रही, और सप्ताह भर सिन्धी समाज के आयोजन होते रहे, जो लगातार सिन्धी समाज का मान – सम्मान बढ़ाते रहे। जहाँ रिकार्डतोड़ बहराणा साहेब का आयोजन हुआ तो वहीँ राजधानी की चारों दिशाओं से बाइक रैलियां निकाली गई, जिनमें समाज की युवा शक्ति और नारी शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कई संस्थाओं ने रक्तदान जैसे मानव सेवा के कार्य भी भगवान झूलेलाल को अर्पित किये।

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ऐसे में जहाँ सिन्धी समाज धार्मिक, सामाजिक और व्यापारिक क्षेत्रों में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिये जाना जाता है, वहां इस बार चेट्रीचंड्र महोत्सव पर प्रदेश के सम्माननीय प्रथम नागरिक श्री विष्णुदेव साय ने महोत्सव में शामिल होकर सिन्धी समाज का मान बढ़ाया, उनके साथ भाजपा अध्यक्ष किरणदेव साव, लोकप्रिय सांसद एवम कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी, धमतरी के महापौर रामू रोहरा, अमर गिदवानी जैसे कद्दावर नेता शामिल हुये। ऐसे में अख़बारों से लेकर किसी भी जगह इस खबर को स्थान नहीं दिया गया, जबकि दूसरी तरफ बहुत छोटी-छोटी ख़बरों को जगह दी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा क्यूँ और कैसे हुआ? अगर किसी ने जानबूझकर रोका तो किसके इशारे पर और अगर किसी के इशारे पर नहीं तो फिर क्या विज्ञापन ना मिलने के कारण मीडिया से जुड़े लोगों ने इस खबर को नजरअंदाज किया? आखिर क्यूँ इस खबर को सुर्ख़ियों में जगह नहीं दी गई?

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वहीँ इस खबर को सुर्खियाँ में ना आने देने के कारण क्या सिन्धी समाज के मान बड़ाई में कमी नहीं आई, अथवा मुख्यमंत्री तक यह खबर नहीं पहुँचने के कारण क्या कोई सवाल सभी बड़े नेताओं में नहीं उठेगा? इस कृत्य से सिन्धी समाज की शान को कोई आघात नहीं पहुंचा है, अथवा इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

मुख्यमंत्री ने किया था भव्य स्वागत, आयोजक संस्था ने जताया संदेह :

साथ ही इस मामले में प्रमुख मुद्दा यह भी है स्वयं मुख्यमंत्री जी ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया और समाज के लोगों को अपनी शुभकामनायें दी। वहीँ इस मुद्दे पर आयोजक संस्था से जुड़े प्रमुख ने कांग्रेसी नेता और एक प्रतिष्ठित अख़बार पर इस खबर को रोकने का संदेह जताया है। साथ ही कहा है कि ऐसा कृत्य समाज की अवहेलना करता है। वहीँ पत्रकारिता से जुड़े लोगों को निडर और निष्पक्ष माना जाता है, जो कि निष्पक्ष पत्रकारिता पर भी सवाल उठाता है।

लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता सिंधी समाज की प्रेरणा :

मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज के संघर्षों, परिश्रम और उपलब्धियों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि देश के विभाजन के बाद जब सिंधी समाज को अपना सबकुछ छोड़कर नए सिरे से जीवन शुरू करना पड़ा, तब भी आपने हार नहीं मानी। आपकी कर्मठता, एकजुटता और आत्मबल ने आपको देश के हर कोने में सम्मानजनक स्थान दिलाया है। 

मुख्यमंत्री ने भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी का विशेष रूप से स्मरण करते हुए कहा कि, आडवाणी जैसे महान नेता सिंधी समाज की प्रेरणा हैं, जिन्होंने उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री जैसे दायित्वों को निभाकर राष्ट्रनिर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया। उन्होंने आगे कहा कि सिंधी समाज का योगदान व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्रसेवा के हर क्षेत्र में अनुकरणीय है। आपकी एकजुटता और पारिवारिक मूल्य आज भी नई पीढ़ी को रास्ता दिखाते हैं।