लक्की पंजवानी सहित एक अन्य गिरफ्त में, सट्टा खेलने के मामले में हुई कार्यवाही, पुलिस पर लगा खानापूर्ति का आरोप।

भाटापारा : सट्टेबाजी में पुलिस लगाम नहीं कस पा रही है, पहले भी एक सटोरिये ने पुलिस को पैसे देकर मामला रफा-दफा करने की पेशकश की थी और पकड़ने का चैलेंज किया था, हालाँकि वह सटोरिया जनवरी में पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, वहीँ छत्तीसगढ़ में सट्टे का गढ़ कहे जाने वाले भाटापारा में पुलिस ने अवैध सट्टा कारोबार के खिलाफ एक बार फिर कार्यवाही की है। हालांकि, स्थानीय लोग इन कार्यवाहियों को सिर्फ खानापूर्ति ही मान रहे हैं, क्योंकि अब तक सट्टे के असली गैंगस्टर्स पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वहीँ इस पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है और युवा इसमें लगातार बर्बाद हो रहे है। आर्थिक तंगी के कारण कई युवा इसके जाल में फंस रहे है और अपनी बची खुची पूंजी भी गवां रहे है।

छोटे खिलाड़ियों पर कार्यवाही, दो आरोपी गिरफ्तार :

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वहीँ सामने आये इस मामले में जानकारी मिली है कि चार अप्रैल को पुलिस ने महासती वार्ड निवासी लक्की पंजवानी उम्र 24 और सदर वार्ड निवासी प्रियंक गुप्ता उम्र 25 को सट्टा खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इन दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाईल फोन भी बरामद किए गए है। जिनमें IPL सट्टे की ऑनलाइन ID और उससे संबंधित ऐप्स पाए गए है। वहीँ इन आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम की धारा 07 और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीँ ऑनलाईन सट्टे पर लगातार कार्यवाही भी चल रही है, आपको बता दें की सिर्फ सट्टा खिलाने वाले ही नहीं बल्कि खेलने वाले भी इस कार्यवाही की गिरफ्त में आ रहे है।

ऑपरेशन विश्वास के तहत मिली सफलता, खाईवाली में संलिप्त विक्की देवांगन गिरफ्तार :

वहीँ एक अन्य मामले में छह अप्रैल को ‘ऑपरेशन विश्वास’ के अंतर्गत पुलिस ने बस स्टैंड में घेराबंदी कर एक युवक को दिल्ली और चेन्नई के बीच चल रहे आईपीएल मैच में सट्टा खिलाते हुए पकड़ा गया है। आरोपी व्हाट्सएप के जरिए लॉगिन आईडी साझा कर लोगों से ऑनलाईन दांव लगवा रहा था। उससे मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने गुरूनानक वार्ड निवासी विक्की देवांगन उम्र 25 को हिरासत में लिया। पूछताछ में विक्की ने ऑनलाइन खाईवाली में संलिप्त होने की बात कबूल की है। पुलिस ने विक्की के खिलाफ छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 की धारा 07 के तहत मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ा दी है। इसके साथ ही क्रिकेट शुरू होते ही सटोरिये सक्रिय हो जाते है, तो वहीँ सट्टा खेलने वाले भी इनसे संपर्क बनाना शुरु कर देते है, ऐसे में कई बार कॉल डिटेल के आधार पर भी सट्टा खेलने वाले गिरफ्त में आ सकते है।

स्थानीयों में रोष, बड़े सट्टा सरगनाओं पर कार्यवाही की मांग :

वहीँ सट्टेबाजी के गढ़ भाटापारा में लंबे समय से सट्टे का धंधा फल-फूल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की कार्यवाही हर बार छोटे सटोरियों तक ही सीमित रह जाती है। जबकि असली मास्टरमाइंड आज भी खुलेआम अपना नेटवर्क चला रहे हैं। वहीँ अब शहरवासियों की नजर इस बात पर टिकी हैं कि क्या ‘ऑपरेशन विश्वास’ वाकई सट्टा कारोबार की जड़ों तक पहुंचेगा या फिर यह भी एक और दिखावटी अभियान बनकर रह जायेगा। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह सब पुलिस की नाक के नीचे लगातार हो रहा है।

वहीँ इस मामले में पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार ने कहा कि, पुलिस पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार उम्मीद की जा रही है कि कार्यवाही सिर्फ शुरुआत है और आने वाले समय में बड़े खाईवालों पर शिकंजा कसेगा।