संभल की शाही जामा मस्जिद का नाम बदलने की कवायद, ASI ने इस नाम से भेजा नया साइनबोर्ड, रंग में भी हुआ बड़ा बदलाव।

संभल (उ.प्र.) संभल मस्जिद, को लेकर बीते दिनों बड़ा विवाद रहा है, 16वीं सदी का संरक्षित राष्ट्रीय स्मारक, उत्तर प्रदेश में धार्मिक विवादों की शृंखला में नवीनतम विवाद बन गया है। एक याचिका में दावा किया गया है कि मस्जिद प्राचीन हरि हर मंदिर स्थल पर बनाई गई थी, जो वाराणसी, मथुरा और धार में भी इसी तरह के दावों को दर्शाता है। वहीँ शाही जामा मस्जिद एक बार फिर चर्चा में आ गई है। अब इस मामले में खबर है कि संभल की शाही जामा मस्जिद के बोर्ड का नाम बदला जायेगा। अब शाही जामा मस्जिद को जुम्मा मस्जिद के नाम से जाना जायेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तरफ से भेजे गए नए साइनबोर्ड में शाही जामा मस्जिद की जगह जुमा मस्जिद लिखा गया है। संभल की सत्यव्रत पुलिस चौकी में नया बोर्ड रखा हुआ है। नए बोर्ड पर लिखा है ‘ASI संरक्षित स्मारक जुम्मा मस्जिद’। उम्मीद है कि सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा नीले रंग का एएसआई का यह बोर्ड जल्द ही पुराने बोर्ड की जगह लगाया जायेगा। पुराने बोर्ड पर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा हुआ है।

 साइनबोर्ड का रंग भी बदला :

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जानकारी के अनुसार,  साइनबोर्ड का रंग भी बदल दिया गया है। हरे रंग की जगह नया साइनबोर्ड का नीले रंग का किया गया है।  एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘मस्जिद के बाहर पहले एएसआई का एक बोर्ड लगाया गया था, लेकिन कथित तौर पर कुछ लोगों ने इसे हटा दिया और इसकी जगह ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा एक बोर्ड लगा दिया। नया बोर्ड एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम ‘जुम्मा मस्जिद’ के अनुसार जारी किया गया है। वहीँ आपको बता दें कि 24 नवंबर 2024 को, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस मामले में उत्तर प्रदेश के संभल में 500 साल पुरानी शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जो कि वर्तमान में एएसआई द्वारा संरक्षित है।

एएसआई की तरफ से अभी नहीं आया बयान :

विष्णु शर्मा  ने कहा कि इसी नाम से एक ऐसा ही नीला एएसआई बोर्ड मस्जिद परिसर के अंदर पहले से मौजूद है। एएसआई ने अभी तक नए साइनबोर्ड की स्थापना के समय के बारे में कुछ नहीं कहा है। मुगलकालीन मस्जिद एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है, क्योंकि एक याचिका में दावा किया गया है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल है। पिछले साल 24 नवंबर को मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल के कोट गर्वी इलाके में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। संभल में 16वीं सदी के एक ध्वस्त मंदिर में मस्जिद बनाए जाने के दावे से जुड़ा मामला वहाँ के सिविल कोर्ट में आया था। इसके बाद सिविल कोर्ट ने वहाँ सर्वे का आदेश दिया था। इसी सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसमें पाँच लोग मारे गए थे।