जशपुरनगर : गौ तस्करी को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वारा ली गई बैठक के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है। अब गौ तस्करी में शामिल आदतन आरोपियों की संपत्ति अटैच कर नीलाम की जायेगी। यही नहीं गौ तस्करी में शामिल पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को तत्काल विभाग से बाहर किया जायेगा। इस संबंध में उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में गौवंश तस्करी पर रोकथाम के लिए मंत्रालय में आयोजित बैठक में फैसला लिया गया था, अब जिसके बाद ये पहली बड़ी कार्यवाही हुई है। इसके तहत झारखण्ड और ओड़िशा से लगे सरहदी जिला जशपुर में गौतस्करों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। कलेक्टर व जिला दंडाधिकरी रवि व्यास ने गौतस्करी में लगे 21 वाहनों को राजसात करने की स्वीकृति दे दी है। इसे लेकर एसएसपी शशि मोहन सिंह का कहना है कि जल्द ही इन वाहनों की नीलामी कराई जायेगी। जशपुर पुलिस की इस कार्यवाही का लक्ष्य गौतस्करों के आर्थिक तंत्र को नष्ट करना है, जिससे गौतस्करी को जड़ से समाप्त किया जा सके। इसको लेकर अब प्रशासन मुस्तैद हो गया है।
पुलिस का ऑपरेशन ”शंखनाद” :
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया है कि झारखंड और ओड़िशा की अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित जशपुर जिले में गौतस्करी को रोकना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे निबटने के लिए पुलिस ऑपरेशन शंखनाद के नाम से विशेष अभियान चला रही है। अभियान के तहत मुखबिर तंत्र को नए सिरे से सक्रिय किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि सूचना तंत्र से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश जिले के सभी पुलिस अधिकारियों,थाना व चौकी प्रभारियों को दी गई है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये है।
अब तक 123 आरोपी गिरफ्तार :
एसएसपी सिंह ने बताया कि जिले में जनवरी 2024 से अब तक गौतस्करी के 8 मामलों में 123 आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए 900 गौवंशजों को तस्करों से छुड़ाकर संरक्षित किया गया है। इस कार्यवाही के दौरान गौ तस्करों से 46 वाहन जब्त किया गया है। इनमें से 21 वाहनों को राजसात किया जा चुका है। शेष वाहनों की राजसात करने की प्रक्रिया की जा रही है। एसएसपी का कहना है राजसात की प्रक्रिया के दौरान वाहन मालिकों को पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है। इसके बाद इन सभी वाहनों कि नीलामी की जायेगी।



