इकरा का दिल जीतने के लिए बरेली का शहजाद ने किया ऐसा काम कि जेल कि हवा खानी पड़ गई।

बरेली (उ.प्र.) : खुद को जीएसटी इंस्पेक्टर बताकर लोगों पर रौब दिखाने वाला आरोपी युवक गिरफ्तार हो गया है। मामला है शहजाद ने पुलिस को बताया कि वह बरेली कॉलेज से बीकॉम कर चुका है। वह पड़ोसी इकरा से प्रेम करता था, लेकिन इकरा के घरवाले नौकरी वाला दामाद खोज रहे थे। तब उसने मुरादाबाद में रहकर यूट्यूब से सीजीएल/दरोगा भर्ती की तैयारी की, लेकिन चयन नहीं हुआ। भर्ती में शहजाद अंसारी नाम का युवक सफल हुआ था। उसके नाम का फायदा उठाकर उसने फर्जी आधार कार्ड और जीएसटी इंस्पेक्टर का कार्ड बनवाया। यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर पुलिस का चाल चलन सीखा। सोशल मीडिया पर वर्दी में वीडियो अपलोड किए तो जगह-जगह आवभगत हुई और चैनलों पर साक्षात्कार हुआ। तब इकरा के घरवाले खुद उससे रिश्ता करने पहुंच गए। शादी के बाद जब वह नौकरी पर नहीं गया और आर्थिक तंगी हुई तो उसका भेद खुल गया। बता दें कि आरोपी शहजाद सिर्फ बीकॉम पास है। जानकारी मिली है कि वह अपने मोहल्ले की गली में रहने वाली इकरा नाम की लड़की प्यार करता था। इकरा के परिवार की शर्त थी कि शादी सरकारी नौकरी वाले दामाद से होगी। फिर आरोपी शहजाद ने यूट्यूब की मदद से पुलिस दारोगा पेपर की तैयारी शुरू कर दी। पेपर दिया, लेकिन नंबर नहीं आया।

इसके कुछ समय बाद सीजीएल की लिस्ट में 2643 नंबर पर एक नाम शहजाद अंसारी का था। नाम मैच होते ही शहजाद ने जीएसटी इंस्पेक्टर चयनित होने की मिठाई बंटवा दी। पूरी बिरादरी में अपने नाम का डंका बजाने लगा। इसके बाद शहजाद ने पुलिस की वर्दी खरीदी। इंस्पेक्टर का फर्जी आईकार्ड बनवाया और इकरा से निकाह भी कर लिया। यह बात कभी पता नहीं लगती अगर इकरा के भाई-बहनों ने जांच पड़ताल न की होती। एक दिन इकरा को शक हुआ कि शादी के बाद शहजाद काम पर नहीं जा रहा है। यह बात उसने अपने भाई-बहनों को बताई। भाई-बहनों ने जब जांच पड़ताल की तो शहजाद की पोल खुल गई। फिर जब पोल खुली तो इकरा ने इस मामले की शिकायत की। इकरा की शिकायत पर पुलिस ने शहजाद को गिरफ्तार कर लिया है। अब शहजाद जेल कि हवा खा रहा है।

इकरा के पिता को शहजाद पर पहले से था शक :

इस हैरानजनक मामले में बताया जा रहा है कि शहजाद ने खुद को जीएसटी विभाग में इंस्पेक्टर बताकर लोगों पर काफी रौब दिखाया था। वह, वीडियो और फोटो बनाकर पोस्ट भी करता था। इसके बाद उसने शादी करने के लिए इकरा के घर रिश्ता भेजा। बताया जा रहा कि जब इकरा के पिता ने शहजाद की नौकरी की पुष्टि करने की बात कही तो मना किया गया, तो उसने अपने परिजनों के साथ गांव में समाज के प्रमुख लोगों को भेजकर रिश्ता तय कराया। फिर लोगों के दबाव में आकर यह रिश्ता तय हो गया। दोनों का निकाह कर लिया।

दबाव में हो गया था ने निकाह :

इकरा ने पुलिस को बताया है कि रिश्तेदारों के दबाव में आकर उसके पिता ने 18 दिसंबर 2024 को निकाह के लिए हामी भर दी थी। बताया जा रहा है परिवार को पहले से ही शक था, लेकिन निकाह के कुछ ही दिनों बाद इकरा को पता चल गया कि शहजाद न तो जीएसटी इंस्पेक्टर है और न ही किसी सरकारी नौकरी में कार्यरत है। वह सिर्फ सोशल मीडिया पर लोगों को धोखा देने के लिए खाकी वर्दी पहनकर रौब जमाता था और पूरी तरह से बेरोजगार है। जिससे इकरा परेशान हो गई। वहीँ इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में इकरा ने आरोप लगाया कि निकाह के बाद उसकी सास शहनाज ने दहेज की मांग करनी शुरू कर दी थी और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगी। काफी समझौता हुआ लेकिन बात नहीं बनी। परिवार के लोगों ने समझाने की कोशिश की लेकिन ससुराल वाले नहीं मानें। इकरा के पिता उसे वापस लेने ससुराल पहुंचे, तो उन्हें तलाक की धमकी देकर भगा दिया गया। मगर अब इस मामले ने पुलिस ने एक्शन लेते गिरफ्तार कर लिया है।

छापा मारने के लिए बना रखी थी टीम :

सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि शहजाद ने जीएसटी इंस्पेक्टर के फर्जी आईकार्ड पर असिस्टेंट कमिश्नर के फर्जी हस्ताक्षर बनाए थे। शहजाद कार में पीकैप रखकर चलता था और टोल पर फर्जी आईकार्ड दिखाकर रौब से टोल बचाता था। शहजाद ने सोशल मीडिया पर ट्रकों की चेकिंग करते हुए और टीम के साथ दबिश मारते हुए फोटो व वीडियो भी डाले। उसकी टीम में शामिल अन्य पुलिसवाले असली थे या नकली, इसकी जांच की जा रही है। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बेरोजगार शहजाद अहमद ने पड़ोस की युवती से शादी की खातिर इंस्पेक्टर बनने का ड्रामा किया था। हालांकि बाद में उसने खुद को इंस्पेक्टर बताकर लोगों को प्रभाव में लेना शुरू कर दिया।