भोपाल (म.प्र.) : हमारे देश में हर जरुरी मुद्दे को धर्म से देखने कि आदत पड़ गई है, जो कि कई बार बवाल खड़े कर देती है। अब एमपी के सीनियर मुस्लिम IAS नियाज खान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कुछ पोस्ट की हैं, जिन्हें लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, नियाज खान ने बकरीद पर बकरों की कुर्बानी रोकने के लेकर पोस्ट की थी। अब उनके इस पोस्ट पर मुस्लिम समाज में नाराजगी पनप गई है। मप्र कैडर के सीनियर आईएएस नियाज खान ने X पर लिखा, “पशुओं का खून बहाना कहीं से कहीं तक उचित नहीं है, पेड़-पौधे, जीव सबकी रक्षा होनी चाहिए।” नियाज खान ने कहा कि मैंने पर्यावरण दिवस के मौके पर्यावरण के संदर्भ में X पर पोस्ट किया था। उन्होंने कहा कि धरती के पर्यावरण का सत्यानाश हो रहा है। मेरा उद्देश्य कुर्बानी को ध्यान में न रखते हुए पर्यावरण को ध्यान में रखना है। उनके इस बयान को लेकर मुस्लिम समाज ने नाराजगी जताई है।
पर्यावरण को लेकर किया पोस्ट :
नियाज खान ने कहा, “आज पर्यावरण दिवस में बहुत कम लोग जानते हैं कि मांसाहार, पर्यावरण को बर्बाद करता है। दुनिया में एक दिन में करीब 3 करोड़ जानवर काटे जाते हैं और मुर्गी वगैरा तो अरबों में कटती होंगी। इसके खाने के बाद जो ग्रीनहाउस गैस निकलती है, मेथेन है, CO2 वगैरा है, इसी से टेंपरेचर गर्म हो रहा है। धरती का पर्यावरण का सत्यानाश हो रहा है। मेरा उद्देश्य कुर्बानी को ध्यान में न रखते हुए पर्यावरण को ध्यान में रखना है। मैंने ट्वीट किया था यदि हम मांस नहीं खाएंगे, शाकाहार रहेंगे तो धरती का टेंपरेचर कम रहेगा। धरती हमारे रहने लायक हो जाएगी। मैं तो बचपन से शाकाहार हूं और बचपन से शाकाहारी का प्रचार करता हूं। कुछ लोग मेरे को देखकर मोटिवेट भी हो गए, मेरे रिलेशन में कई लोग कैसे हैं जो मांस खाना छोड़ रहे हैं। पर्यावरण से भी मैं जुड़ा हुआ हूं।” ऐसे पर्यावरण को लेकर उन्होंने चिंता जताई है।
शाकाहारी बनने की अपील की :
नियाज खान ने आगे कहा, “मैंने कुरान पढ़ा है, मोहम्मद साहब को पढ़ा है, कुर्बानी हमारे यहां एक अंग है पूरे 57 देश कुर्बानी को मानते हैं। अब तो ऊंट की भी कुर्बानी होती है। ऊंट काटे जाते हैं। मेरे कहने से एक दो व्यक्ति के ट्वीट करने से कोई मानेगा नहीं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में भारत सरकार भी किसी को मना नहीं कर रही। गाय माता है, उसकी कुर्बानी को लेकर लोग कहते हैं, नहीं तो हमारी सरकार किसी को नहीं रोकती है। सबका फंडामेंटल डेमोक्रेटिक राइट है। पर्यावरण खत्म होता जा रहा है, धरती पर हाहाकार मचा हुआ है, धरती का विनाश होने जा रहा है। ऐसी विकट स्थिति आ गई है कि अधिक से अधिक लोग शाकाहार की ओर आकर्षित हों, अधिक से अधिक शाकाहारी बनें, ताकि हम धरती मां को बचा पाएं। मेरा मिशन है कि लोग मांस न खाएं, शाकाहारी ही बनें, पशु न काटें, यह मेरा मिशन है और यह आजीवन चलता रहेगा। इस तरह उन्होंने लोगों से पर्यावरण कि रक्षा के लिये अपील की है।
मुस्लिम संगठनों ने जताई नाराजगी :
नियाज खान ने कहा कि मैंने 10 किताबें लिखी हैं, जिसमें से मैंने कई किताबों में सरकार के बारे में लिखा। मैंने यह भी लिखा है कि जबरदस्ती शाकाहार नहीं थोपा जाना चाहिए। डर किस बात का है। 80 फीसदी हिंदू भाई मेरे साथ हैं। मुझे फतवे से डर नहीं लगता है। मैं धर्म पर नहीं बोल रहा हूं, मैं किसी पर कमेंट नहीं कर रहा हूं, गाली नहीं दे रहा हूं, किसी को आहत नहीं कर रहा हूं। हालांकि IAS नियाज खान के बयान से मुस्लिम संगठनों में काफी नाराजगी है। मुस्लिम संगठनों ने कहा कि इस्लाम धर्म को जो बदनाम कर रहे हैं, वह नाकाबिले बर्दाश्त है। मुसलमान यह बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसे मुनाफिक हमारे कौम में पैदा होते रहेंगे। भाजपा की सरकार है, इसलिए यहां के अधिकारी भाजपा का दामन पकड़े हैं। नियाज को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ लेना चाहिए। वहीँ इस तरह से मुस्लिम संगठनों ने नियाज पर्यावरण कि चिंता अपनी नाराजगी जताई है।



