संत कबीर जयंती पर विशेष : कबीर के दोहों में छिपा जीवन का सार – इन्दू गोधवानी।

इन्दू गोधवानी/मेहमान सम्पादक : संत कबीरदास जी आम जनमानस में कबीरदास जी या कबीर साहेब जी के नाम से लोकप्रिय हैं। कबीरदास जी के जन्म के संदर्भ में निश्च़ित रुप से कुछ कह पाना संभव नहीं है। मान्यतानुसार ज्येष्ठ मास पूर्णिमा को कबीर जयंती के रुप में मनाया जाता है। किवदंती के अनुसार सन् 1440 में संत कबीर जी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन काशी में लहरतारा तालाब के पास अपने पालक माता-पिता नीरु और नीमा को मिले थे, तब से इस दिन को कबीर जयंती के रुप में मनाया जाता है।

अबाध गति और अदम्य प्रखरता से परिपूर्ण, जागरण युग के अग्रदूत, आदर्श गुरु तथा मार्गदर्शक भारतीय इतिहास के सबसे प्रसिद्ध कवि, हिन्दी साहित्य के भक्त़िकालीन युग में ज्ञानाश्रयी निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक संत कबीरदास जी का हिन्दी साहित्य में विशिष्ट योगदान है। अपने प्रभावशाली परंपरा और संस्कृति से उन्हें विश्व़ प्रसिद्धि हासिल हुई। संत कबीरदास जी भक्त़ि काल के ऐसे कवि है, जिन्होंने अपने जीवन में केवल समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्व़ास एवं सामाजिक बुराईयों की कड़ी आलोचना अपनी रचनाओं में की। यह माना जाता है कि कबीर जी ने अपना संपूर्ण जीवन, समाज सुधार में लगा दिया था।
सब धरती कागज करुँ,
लेखनी सब बनराय।
सात समुद्र की मसि करुँ,
गुरुगुन लिखा न जाय।।

संत कबीर जी की रचनाओं को पांचवे सिक्ख गुरु श्री अर्जन देव जी ने एकत्रित कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में शामिल किया था।
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर ॥

संत कबीरदास जी को जागरण युग का सूत्रपात भी कहा जाता है। उनकी रचना के प्रत्येक दोहे आज भी समाज में लोगों को जागृत एवं उपदेश देकर सही मार्गदर्शन करते हैं। हम सभी को ऐसे महापुरुषों के उपदेशों को अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए।
कुटिल वचन सबते बुरा,
जारि करै सब छार।
साधु वचन जल रुप है,
बरसै अमृत धार।।

“कबीर भले ही छोटा सा एक नाम हो पर ये भारत की वो आत्मा है जिसने रुढ़ियों और कर्मकांडों से मुक्त़ भारत की रचना की है। कबीर वो पहचान है जिन्होंने, जाति-वर्ग की दीवार को गिराकर एक अद्भ़ुत संसार की कल्पना की।”
“ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोये।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।”

आज भी कबीर साहेब जी और उनके विचार आमजन का मार्गदर्शन करते हैं तथा समाज की बड़ी से बड़ी समस्या का हल प्रदान करते हैं। अपनी रचनाओं से मानव जीवन को सार्थक दिशा देने व मानवता का पाठ पढ़ाने वाले मध्यकालीन भारत के महापुरुष महान संत कवि और समाज सुधारक कबीर दास जी की वाणी युगों युगों तक हमें प्रेरणा प्रदान करती रहेगी।
आप सभी को संत सम्राट सद्गुरु कबीर साहेब जी की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ।