नई दिल्ली : वर्तमान में चौपट व्यापार चौपट हो चुका है, जीएसटी से महंगाई अपने चरम पर पहुँच चुकी है, और सरकार सुविधायें देने के नाम पर विभिन्न सेवा शुल्क और विभिन्न करारोपण को लगातार किसी ना किसी बहाने से बढ़ा रही है, नये केन्द्रीय परिवहन नियमों से चालान की जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है, जिसमें बिना सीट बेल्ट के चालान लगभग 20 हजार रूपये है, टोलटैक्स के नाम पर बढ़ोत्तरी, नोटबंदी से कई लोगों के आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, जीएसटी से बेतहाशा वसूली, छोटे व्यापारी के बैंक ट्रांजेक्शन 40 लाख पार होने पर जीएसटी का नोटिस, बैंगलोर के सब्जी व्यापारी को 27 लाख का नोटिस मिल चुका है। ऐसे ही बढ़ती हुई सुविधाओं के नाम पर सेवा शुल्क लगातार लगाया जा रहा है। जहाँ आज के दौर में बड़ी तादाद में लोग पैसों के ट्रांजैक्शन के लिए ज्यादातर लोग यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी यूपीआई पेमेंट को लेकर इशारों-इशारों में शुक्रवार को कहा कि आने वाले दिनों में यह डिजिटली पेमेंट हमेशा मुफ्त भी नहीं रहेगा, इसके लिए चार्ज देना होगा। वहीँ आपको बता दें कि कई बैंकिंग चार्ज पहले ही बढ़ाये जा चुके है।
इस मामले में जानकारी सामने आई है कि मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अभी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम बिना कोई फीस लिए काम कर रहा है, लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। इससे सोशल मीडिया पर कुछ खबरें आईं कि इस तरह के पेमेंट पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लग सकता है, लेकिन अब इसको लेकर नई जानकारी सामने आई है।
जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं :
वित्त मंत्रालय ने पहले ही राज्यसभा में स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की योजना नहीं बना रही है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 22 जुलाई को राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान कहा, “जीएसटी काउंसिल ने 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है।”
जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर छूट :
मंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी दरें और छूट जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती हैं, जो एक संवैधानिक बॉडी है, जिसमें केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों दोनों के सदस्य होते हैं. बता दें कि मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कर्नाटक के छोटे-छोटे व्यापारियों को यूपीआई लेनदेन के आंकड़ों के आधार पर जीएसटी के नोटिस मिले हैं। ऐसे ही देशभर के कई छोटे व्यापारियों को भी नोटिस मिले है।
UPI के नियमों में कुछ बदलाव :
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI सिस्टम को तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए नए नियम लागू करने का फैसला किया है। नए नियमों के तहत अब आप एक दिन में अधिकतम 50 बार ही अपना अकाउंट बैलेंस देख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों को ज्यादातर 25 बार प्रतिदिन ही देख सकेंगे। इतना ही नहीं नैटफ्लिक्स, EMI और बिजली के बिल जैसे ऑटो पेमेंट्स तय समय पर ही प्रोसेस होंगे।



