दुर्ग/भिलाई : 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक को रोका था। इन पर आरोप था कि तीनों, नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे हैं। वहीँ कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए सभी को GRP के हवाले कर दिया था।GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। वहीँ बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट ने शुक्रवार को पीड़ित पक्षों की दलील सुनने के बाद बेल एप्लिकेशन पर फैसले को सुरक्षित रखा था। जिस पर आज पीड़ितों की जमानत अर्जी को मंजूर कर दिया गया है।
भिलाई जिले में मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन के मामले में गिरफ्तार नन प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस से मिलने केरल का एक और प्रतिनिधि मंडल दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचा था। सीपीआईएम के नेता पीके श्रीमथी, सीसी सुजाथा, कांग्रेस के एमपी कोडिकुन्निल सुरेश, अंटो एंटनी, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीनानथन, हिबी ईडन और केरल भाजपा के उपाध्यक्ष शान जार्ज शामिल थे। बारी बारी से सभी ने महिला बंदी गृह में दोनों नन से मुलाकात की। सभी ने उनकी रिहाई की मांग की। वहीँ आपको बता दें कि दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद नन प्रीति मेरी, वंदना फ्रांसिस और नारायणपुर के आदिवासी युवक सुखवन मंडावी को दुर्ग रेलवे स्टेशन से जीआरपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। प्रतिनिधि मंडल ने पहले केरल की कई मीडिया को दुर्ग सेंट्रल जेल में भेजे। इसके बाद 26 जुलाई से बारी-बारी से प्रतिनिधिमंडल आने लगा।
आदिवासी लड़की ने कहा, 4 साल पहले कराया धर्म परिवर्तन :
नारायणपुर से जिन लड़कियों को सुखवन मंडावी लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचा था। उसमें एक लड़की का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वह कैमरे के सामने आकर बता रही है कि बजरंग दल ने उस पर जबरन दबाव बनाया और मारपीट की है। उसने यह भी कहा कि 4 साल पहले उसने धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चियन धर्म को अपनाया है। वह स्वेच्छा से सुखवन मंडावी के साथ दुर्ग स्टेशन पहुंची थी। वहीँ इस बात से स्पष्ट है कि धर्मान्तरण का कार्य आदिवासी क्षेत्रों में जमकर चल रहा है, जो राष्ट्रीय स्तर पर डेमोग्राफी बदल रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री साय से मुलाकात :
केरल भाजपा के महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने CM विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की थी।वहीं केरल और ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय में सीएम साय से भेंट की थी। मुख्यमंत्री साय ने कहा था कि यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है। इस मामलें में जांच जारी है। साथ ही यह प्रकरण न्यायालयीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। निश्चिन्त रहें क़ानूनी हिसाब से ही कार्यवाही होगी।



