मासूम बच्ची को लावारिस छोड़ गया पिता, चिट्ठी में लिखा “कोई अपना लेना, मैं मरने जा रहा हूं, गुड बाय”, सामने आया झकझोरने वाला मामला।

रायपुर(धरसींवा) : व्यापार चौपट है और महंगाई अपने चरम पर, अब इसे परिवार पर आई त्रासदी कहें या सिस्टम की लाचारी, लेकिन ऐसे मामलों में अब आये दिन बढ़ोत्तरी हो रही है, जो काफी चिंताजनक है, साथ ही दूर – दूर तक इसका कोई समाधान भी नही है। मामला है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक ऐसी मार्मिक घटना सामने आई है जो हर किसी को झकझोर कर रख देगी। क्या गरीबी वाकई इतनी बेबस कर सकती है कि एक पिता अपनी फूल-सी मासूम बच्ची को इस दुनिया के भरोसे छोड़ दे? गुरुवार को रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र अंतर्गत व्यास तालाब बिरगांव में एक छोटा हाथी वाहन में डेढ़ साल की बच्ची लावारिस हालत में मिली, जिसके पास एक चिट्ठी थी जो पिता की बेबसी, लाचारी और टूटी उम्मीदों की दर्दभरी दास्तान बयां कर रही थी।

झकझोर देने वाली चिट्ठी :

चिट्ठी के पहले पन्ने में में उस पिता ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए लिखा, “सॉरी, मुझे माफ कर देना। इस दुनिया में जीना नहीं चाहता हूं। मेरा कोई नहीं है। मेरे लिए रहने के लिए भी जगह नहीं है, इसीलिए बच्चा को छोड़कर जा रहा हूं। अपना ना आए तो कोई अपना लेना। इस बच्चे को मैं अनाथ बना गया, इसलिए इस दुनिया में जीना नहीं चाहता हूं। ठीक है। कोई भी बच्चे को अपना लीजिएगा। गुड बाय।” वहीँ दूसरे पन्ने में लिखा, “कोई मेरे बच्चे को अपना लेना, मरने जा रहा हूं मैं। जीना नहीं चाहता हूं। ठीक है, गुड बाय।”

यह जानकारी मिलने के बाद खमतराई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित किया और उसके पालन-पोषण की तत्काल व्यवस्था कर दी है। पुलिस उस पिता की तलाश में जुटी है ताकि उसकी लाचारी की सच्चाई सामने आ सके कि आखिर उसने किन कारणों से यह कदम उठाया। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। हालांकि गरीबी, बीमारी और कर्जे से वर्तमान में कई लोग परेशान है। मध्यमवर्गीय के हालात भी काफी खराब है, ऐसे में यह मामला सोचने के लिये मजबूर करता है।