208 माओवादियों ने 153 हथियारों के साथ किया आत्मसमर्पण, राज्य और केंद्र के प्रयासों से नक्सल मुक्ति की तरफ छत्तीसगढ़।

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में माओवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर अब लाल आतंक से मुक्त हो गए है। वहीँ 153 हथियारों के साथ 208 माओवादी आज हथियार डालने जगलदपुर पहुंचे। इनमें 110 महिला और 98 पुरुष माओवादी है। इन्हें बस से जगदलपुर पुलिस लाइन पहुंचाया गया। इनमें कुछ बड़े कैडर के माओवादी भी शामिल हैं। आज तक का यह सबसे बड़ा नक्सल समर्पण माना जा रहा है।

इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट करते हुए घोषणा की कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर अब माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल दक्षिण बस्तर के सीमित हिस्से में माओवाद का नाममात्र प्रभाव शेष है, जिसे सुरक्षा बल बहुत जल्द समाप्त कर देंगे। दरअसल, जिन जंगलों को चार दशकों तक माओवादी संगठन का अभेद्य गढ़ माना जाता था, वह अब सुरक्षा बलों की पकड़ में है।

देश के सबसे बड़े नक्सली को लेकर रायपुर से रवाना होने के दौरान सीएम साय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विकास की मुख्यधारा से जुड़ने वाले नक्सलियों का स्वागत है। उन्हें हमारी (राज्य सरकार) अच्छी पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। हमने शुरू से ही हथियार छोड़ने का नक्सलियों से आह्वान किया था।