मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) : जैसे किसी संत – मौलवी के सम्मान की बात होती है तो ऐसे में सवाल उठता है, क्या हमें अपने चुने हुये प्रशासक का सम्मान नहीं करना चाहिये? अभिव्यक्ति की आजादी में आप ये क्यूँ भूल जाते है कि आपको किसी का अपमान करने या गाली देने का अधिकार नहीं है, आप मर्यादा में रहकर अपना विरोध जताओ, भारतीय संविधान आपको इसका अधिकार देता है, लेकिन कुछ लोगों ने इस अधिकार की आड़ में अपना अलग ही एजेंडा चलाया हुआ हो, वहीँ कुछ लोग इस कार्यवाही गलत बतायेंगे तो उन्हें जानकारी होनी चाहिये कि गाली गलौज, अपशब्दों के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 और धारा 504 लागू होती हैं। इस धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गाली-गलौज करने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं, जो कि एक अपराधिक कृत्य है। धारा 504 के तहत जानबूझकर अपमानित करने या गाली देने के बाद व्यक्ति को उकसाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। ।
वहीँ सामने आये मामले के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का एक मामला सामने आया है। यह मामला बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के भटवाड़ा गांव का है, जहां एक अधेड़ उम्र के शख्स ने सार्वजनिक स्थल पर दोनों नेताओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया है, सबूत के तौर पर इस घटना की एक वीडियो भी सामने आई है, जिसमें आवाज तो सुनाई पड़ रही है लेकिन चेहरा साफ नहीं है। इसके साथ ही पुलिस ने मामले की जांच की है।
कथित आरोपी की पहचान रईस के रुप में हुई है। यह घटना 31 अक्टूबर की बताई जा रही है। मामले में आरोप है कि रईस ने खुलेआम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गालियां दीं है और उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द कहें है, इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो गांव के कुछ लोगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू कर दिया। अगर इस मामले में पूरी कार्यवाही हुई तो आरोपी को तीन माह का कारावास भी हो सकता है।
वहीँ इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने 60 साल के आरोपी रईस को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, रईस के खिलाफ कार्यवाही के दौरान उसे थाने लाया गया तो उसकी हालत ऐसी थी कि वह पुलिसकर्मियों के कंधों पर चढ़कर कोतवाली पहुंचा। पुलिस ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और उसके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी से किसी ने मारपीट की है, अथवा पुलिस ने खातिरदारी की है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
जिसके कारण इस घटना को लेकर पुलिसिया कार्यवाही और फिर आरोपी रईस का पुलिस के कंधों पर चढ़कर आना संदेह के घेरे में है। वहीँ घटना के वायरल वीडियो में आरोपी शख्स का चेहरा दिखाई नहीं पड़ रहा है। वीडियो में जिस शख्स के जरिये गाली देने की आवाज आ रही है, वह नशे में लग रहा है। इसकी वजह यह है कि वह खुद नशा करने की बात स्वीकार करते हुए कह रहा है कि अगर उसने ऐसा कर लिया तो क्या गलत किया। दूसरी तरफ कथित आरोपी रईस की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से घायल दिखाई पड़ रहा है, ऐसा लगता है कि महज आरोप के आधार पर ही पुलिस ने कोर्ट और कानून को दरकिनार कर फैसला कर दिया है। शायद पुलिस ने उसकी जमकर धुनाई भी कर दी है।
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजय कुमार वर्मा ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि “एक शख्स के जरिये मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी किए जाने का मामला सामने आया था। वायरल वीडियो के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली थी।” एसएसपी संजय के मुताबिक, पुलिस ने जांच के बाद आरोपी की पहचान कर ली गई है। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी रईस ने 31 अक्टूबर 2025 को भटवाड़ा कस्बे में खुलेआम सार्वजनिक स्थल पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस मामले में शिवकुमार नाम के शख्स की शिकायत पर थाना बुढ़ाना में मुकद्दमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी शख्स को कानून से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सार्वजनिक रूप से नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकार का कृत्य कोई भी आम नागरिक ना करे , किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।



