रायपुर : पक्ष और विपक्ष की लड़ाई में आम जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग कैसे होता है, उसका जीता जागता उदाहरण है, राजधानी का स्काई वाक और चौपाटी का मामला। स्काई वाक जो 25 करोड़ में बनना था, आपसी राजनीति के चक्कर में उसकी लागत अब दुगुने से भी ज्यादा हो गई है, सत्ताधारी पार्टी बस इनकी भरपाई के लिये जनता पर टैक्स बढ़ा देती है। मामला है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान के पास बनाई गई NIT चौपाटी शिफ्ट आखिरकार शिफ्ट कर दी गई है। राजनैतिक उथल – पुथल के बीच इस चौपाटी का निर्माण कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था। चौपाटी के निर्माण से ही भाजपा नेता राजेश मूणत इसके खिलाफ थे। जानकारी के अनुसार, करीब 10 करोड़ की लागत से साइंस कॉलेज के पास 60-70 दुकानें बनाई गई थीं। शनिवार को इन दिनों को JCB से तोड़ दिया गया है। चौपाटी हटाए जाने का कांग्रेस नेताओं ने काफी विरोध किया है।
कांग्रेस ने किया विरोध :
इस मामले में शनिवार को एनआईटी चौपाटी को हटाने के लिए निगम का अमला अधिकारी बुलडोजर लेकर जैसे ही पहुंचा। तब वहां बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए थे। वहीँ पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौपाटी हटाने का विरोध किया। वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और कांग्रेसियों को पुलिस घसीटते हुए लेकर गई। कांग्रेस नेता बुलडोजर के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगे। जिसके बाद पुलिस के साथ उनका विवाद खड़ा हो गया।
शुक्रवार रात से धरने पर बैठे हैं पूर्व विधायक विकास उपाध्याय :
विकास उपाध्याय चौपाटी हटाने के विरोध में व्यापारियों के साथ शुक्रवार रात करीब 11 बजे से धरने पर बैठे हुये थे। चौपाटी को अब आमानाका शिफ्ट कर दिया गया है। विकास उपाध्याय ने भाजपा विधायक राजेश मूणत पर हमला करते हुए कहा कि अनपढ़ विधायक को नहीं पता स्टूडेंट्स को क्या चाहिए। वहीं, डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करना स्वाभाविक है। वहीँ इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाये है।
चौपाटी के विरोध में थे पूर्व मंत्री :
दरअसल, चौपाटी के विरोध में भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत शुरू से थे। वहीं, व्यापारी, कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय समेत अन्य लोग चौपाटी के समर्थन में थे। व्यापारियों को कहना है कि दुकानों को हटाने से उनका कारोबार ठप हो जायेगा, लेकिन राजनैतिक पार्टियों को इससे कोई लेना देना नहीं है, उन्हें सिर्फ आपस की राजनैतिक रोटियां ही सेंकनी है। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि राज्य में सरकार बनते ही चौपाटी हटाने का काम तेज गति से किया जायेगा।
दुकानदारों को दिया गया था नोटिस :
इस मामले में बताया गया है कि चौपाटी से दुकान खाली करने के लिए सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया था। दुकानदारों को 7 दिन का समय दिया गया था वह दुकान को खाली कर दें। इसके बाद भी कारोबारी चौपाटी हटाए जाने के विरोध में थे। लेकिन अंततः इसे पूरे तरीके से तोड़ दिया गया, जिसमें लगभग दस करोड़ का नुकसान हुआ है।



