भीलवाड़ा (राजस्थान) : जिले के शाहपुरा आमली बंगला निवासी निसार शाह फकीर और उनके परिवार को पिछले कुछ समय से गांव छोड़ने का दबाव झेलना पड़ रहा है। यहाँ मामले में जो जानकारी मिली है, उसमें पीड़ित परिवार के अनुसार, दो महीने पहले गांव के कुछ लोग इकट्ठा हुए थे और निसार शाह को दशहरा तक गांव खाली करने की चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि मुस्लिम परिवार एक – एक करके शुरू होते है और क्षेत्र में अपने लोगों को बसा लेते है। इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने एसडीपीआई के प्रदेश सचिव शबीर कुरैशी के साथ जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई थी। उस समय पुलिस अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने राहत की साँस ली।
सपताह भर में मकान करो खाली :
पीड़ित परिवार का कहना है कि करीब सात दिन पहले तहसीलदार गांव पहुंचे और निसार शाह के परिवार को बुलाने के लिए कहा गया था। उस समय घर पर मौजूद बहू जब तहसीलदार की गाड़ी के पास पहुंची तो उसे पांच से सात दिनों में मकान खाली करने के लिए कहा गया था। इस मामले में परिवार का आरोप है कि उनके घर के आसपास इसी आबादी में अन्य मकान भी मौजूद हैं, लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई ह।. उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय के परिवार के साथ इस तरह के व्यवहार से लोगों में असंतोष फैल रहा है। जिसको लेकर पीड़ित परिवार ने चिंता जताई।
परिवार कर रहा है मदद की गुजारिश :
इस मामले को लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) भीलवाड़ा जिला कार्यकारिणी सदस्य परवेज़ शेख और पीड़ित परिवार ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई और न्याय की मांग की है वहीँ। पीड़ित परिवार ने आशंका जताई कि कहीं उनकी आजीविका का सहारा और मकान उजड़ न जाए। इस मामले में जिला कलेक्टर ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिवार को आश्वासन दिया है कि उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय या भेदभावपूर्ण कार्यवाही नहीं होने दी जायेगी। कलेक्टर ने साफ कहा कि अगर अतिक्रमण के आधार पर किसी मकान को तोड़ा जाता है, तो पंचायत की सरकारी जमीन पर बने सभी अतिक्रमण को हटाया जाएगा। इसके साथ ही, जरूरत पड़ने पर परिवार को पंचायत की ओर से रहवासी भूखंड भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके बाद परिवार ने राहत की सांस ली।



