कांकेर : अवैध धर्मान्तरण को लेकर राज्य में जगह – जगह बवाल लगातार चल रहे है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में ये मामले कुछ ज्यादा ही है, वहीँ कांकेर जिले में एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर तनाव एक बार फिर से उभर आया है। इस बार मामला जिले के ही विधायक आशाराम नेताम के गृह ग्राम बेवरती का है, जहां एक धर्मांतरित महिला के अंतिम संस्कार को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। धर्मांतरित लोगों के शव की अंतिम क्रिया पर पहले भी कई मामले सामने आ चुके है। वहीँ सामने आये इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, कांति मेश्राम, पति कृष्णा मेश्राम, पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद परिजन शव को गांव लाकर पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहते थे। लेकिन जैसे ही शव गांव पहुंचा, बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और गांव की सीमा के भीतर अंतिम संस्कार का विरोध करने लगे।
गांव में घेराव, शव दफनाने पर रोक, मूल धर्म में वापसी की शर्त :
इस मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि परिवार ने मूल धर्म छोड़कर धर्मांतरण किया है, इसलिए उन्हें गांव की परंपरागत श्मशान या दफन स्थल का उपयोग करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों ने परिजनों को घेरते हुए साफ कहा कि यदि अंतिम संस्कार गांव में करना है, तो पहले ‘मूल धर्म’ में वापस लौटने की घोषणा की जाए। परिजनों ने निजी भूमि में ही दफनाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन ग्रामीणों ने इसे भी मानने से इंकार कर दिया। स्थिति लगातार तनावपूर्ण होती चली गई और परिजन प्रशासन की मदद लेने को मजबूर हो गए। ऐसे ही पिछले मामले में धर्मान्तरित व्यक्ति के शव को उसके परिजन थाने में ही छोड़कर चले गये थे।
चारामा में पहले से तैनात सर्व हिंदू समाज, वहां भी विरोध तैयार :
इस घटना की सूचना मिलते ही कांकेर जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और शव को बेवरती से चारामा ले जाने की योजना बनाई। लेकिन प्रशासन को पता चला कि चारामा में सर्व हिंदू समाज के लोग पहले से ही मौजूद हैं और वे ऐसे अंतिम संस्कार का विरोध करने के लिए तैनात हैं। इससे प्रशासन के सामने स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई। यहाँ भी काफी बवाल मचा।
पिछली घटना की पुनरावृत्ति: शव को रायपुर ले जाने की तैयारी
कांकेर में इससे पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें विरोध के चलते शव का अंतिम संस्कार रायपुर में कराया गया था। वर्तमान स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बार फिर शव को रायपुर ले जाकर अंतिम संस्कार करवाने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा न हो। ऐसे मामले अब पुलिस प्रशासन के लिये चुनौती बनते जा रहे है।
स्थिति तनावपूर्ण, पुलिस बल तैनात :
वहीँ इस मामले के बाद गांव बेवरती और चारामा दोनों ही स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन ग्रामीणों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन गांव का वातावरण अब भी तनावपूर्ण बना हुआ है।
इधर साहू समाज के व्यक्ति पर लगा धर्मान्तरण का आरोप :
इसके अलावा दुर्ग जिले से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यहाँ दुर्ग में सामाजिक बैठक की आड़ में धर्मपरिवर्तन को लेकर विवाद गहरा गया है। इस मामले में साहू समाज के व्यक्ति पर धर्मान्तरण कराने का आरोप लगा है। आरोपी व्यक्ति ने पूर्व में खुद भी धर्मपरिवर्तन कर लिया है, अब वह दूसरों को भी धर्मपरिवर्तन करवाने में लगा हुआ है। इस मामले में विवाद बढ़ता देख तहसीलदार और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान अधिकारी ग्रामीणों को समझाईश देते हुए नजर आए। यह पूरा मामला नेवई थाना क्षेत्र का है।



