बिलासपुर : जिले में स्टेट जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए कोयला कारोबार से जुड़े तीन प्रमुख व्यावसायिक समूहों के कुल 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है, जिससे समूहों में हड़कम्प मच गया है। यह कार्यवाही महावीर कोल वाशरी, फिल कोल और पारस कोल एंड बेनिफिकेशन के कार्यालयों, आवासों, वाशरी और प्लांट परिसरों में की गई है। इस छापेमारी को लेकर प्रशासनिक और कारोबारी हलकों में हड़कंप मच गया है, बड़े व्यापारियों पर विभाग लगातार कार्यवाही कर रहा है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व स्टेट जीएसटी कमिश्नर मुकेश बंसल के निर्देश पर रायपुर से आई विशेष टीम ने किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार देर शाम शुरू हुई यह जांच शनिवार को भी लगातार जारी रही।
अभिनेत्री अंकिता लोखंडे के पारिवारिक कारोबार से जुड़ा नाम :
छापेमारी की सबसे चर्चित बात यह रही कि महावीर कोल वाशरी का नाम अभिनेत्री अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की जैन के पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ा बताया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में अभी तक किसी आधिकारिक बयान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस कनेक्शन के सामने आने के बाद मामला और भी सुर्खियों में आ गया है। वहीँ अब यह मामला आम जनता के लिये चर्चा का विषय बन गया है।
करोड़ों की GST चोरी के मिले अहम संकेत :
वहीँ छापेमारी को लेकर स्टेट जीएसटी विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान टैक्स चोरी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स और डिजिटल डेटा जब्त किये गये हैं। अधिकारियों को आशंका है कि इन कारोबारी समूहों द्वारा लंबे समय से जीएसटी में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की जा रही थीं। जांच में सामने आया है कि कोयले की मिक्सिंग, प्रोसेसिंग और बिक्री से जुड़े लेनदेन में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत तरीके से उपयोग किया गया है। वहीँ अफसरों का मानना है कि टैक्स बचाने के लिए फर्जी बिलिंग और लेनदेन को अलग-अलग रूप में दर्शाया गया है।
महावीर कोल वाशरी ने 10 करोड़ रुपये किए सरेंडर :
इस कार्यवाही के दौरान सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब महावीर कोल वाशरी की ओर से लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि सरेंडर की गई। माना जा रहा है कि यह राशि जीएसटी से संबंधित टैक्स अनियमितताओं और बकाया कर देनदारियों से जुड़ी हुई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह सरेंडर जांच का अंतिम आंकड़ा नहीं हो सकता, क्योंकि अभी जांच जारी है। वहीं फिल कोल और पारस कोल एंड बेनिफिकेशन के परिसरों में भी जांच लगातार जारी है और वहां से भी बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है। विभाग इसकी जांच कर रहा है।
इसके साथ ही शनिवार को भी रायपुर से आए जीएसटी अधिकारी बिलासपुर में डटे रहे। व्यापार विहार, लिंक रोड सहित अन्य प्रमुख इलाकों में स्थित दफ्तरों, वाशरी और प्लांट्स में देर रात तक दस्तावेजों की जांच की गई। अलग-अलग टीमों को अलग-अलग ठिकानों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अहम सबूत को नजरअंदाज न किया जा सके, जिसको लेकर गहन जांच की गई।
पहले भी हो चुकी है इसी तरह की कार्यवाही :
गौरतलब है कि इससे पहले भी स्टेट जीएसटी विभाग ने बिलासपुर में मौसा जी से जुड़े विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों पर छापेमारी की थी। उस कार्यवाही में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था, जिसे संबंधित संचालक द्वारा सरेंडर किया गया था। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में टैक्स चोरी की कुल राशि और भी बढ़ सकती है। विभाग की नजर कोयला कारोबार से जुड़े पूरे नेटवर्क पर है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही की जायेगी।



