बलौदाबाजार। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करती है। इसमें कई ऐसे स्वास्थ्य संबंधित मामले मिल रहे है.जिससे बच्चों और उनके परिवार को काफी परेशानी होती आ रही है। ऐसे ही एक प्रकरण में कसडोल में 12 से 14 वर्ष के तीन बच्चों को जन्मजात मोतियाबिंद की शिकायत जांच के दौरान पाई गई। जन्मजात मोतियाबिंद तब होता है जब जन्म के समय आंख का लेंस साफ होने के बजाय उसमें क्लाउड आ जाता है. जिससे पीड़ित बच्चे को देखना मुश्किल हो जाता है ।
इसी प्रकार विकासखण्ड भाटापारा की चिरायु टीम द्वारा एक 10 वर्षीय बच्ची में कटे-फटे होंठ की शिकायत पाई गई। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की उक्त दोनों ही प्रकरण में माता-पिता की कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण उनके उपचार में परेशानी थी। ऐसे में चिरायु योजना का लाभ उन्हें प्रदान किया गया। इसके माध्यम से रायपुर के मेकाहारा में बच्चों का उपचार किया गया जो कि सफल रहा और वह सब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
मोतियाबिंद से पीड़ित एक बच्ची के पिता मोहन लाल चौहान ने कहा की उनकी 12 वर्षीय बच्ची को जन्म से ही धुंधला दिखता था जो समय के साथ बढ़ता गया ऐसे में इस उपचार से अब बच्ची सामान्य हो गई है। उक्त निरीक्षण के समय चिरायु कसडोल टीम से डॉ उत्तम मरावी,डॉ नेहा देवांगन,डॉ सरिता,डॉ सुभाष साहू,डॉ तिरिथ पैकरा,शिव शंकर साहू जबकि भाटापारा टीम से डॉ सेवक राम साहू,डॉ सारा राम,बिंदु चौहान,वंदना वर्मा एवं अंजू साहू शामिल थे।